Railway : रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर, 2 साल में रेलवे बनाएगा 10 हजार नए कोच, रेलवे वेटिंग लिस्ट में मिलेगी राहत..

बता दें भारतीय रेलवे ट्रेन से यात्रा करने वाली जनता के लिए बड़ी खुशखबरी है। आम यात्रियों की यात्रा को आसान करने के लिए 2 साल में 10 हजार नए कोच बनाया जायेगा।

Railway : रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर, 2 साल में रेलवे बनाएगा 10 हजार नए कोच, रेलवे वेटिंग लिस्ट में मिलेगी राहत..

बिलासपुर, जनजागरुकता। भारतीय रेलवे ट्रेन से यात्रा करने वाली जनता के लिए बड़ी खुशखबरी है। यह योजना आम यात्रियों की यात्रा को आसान करने के लिए बनाई गई है। इसमें 5300 से अधिक जनरल कोच हैं। इस दौरान इंडियन रेलवे आगामी 2 सालों में 10,000 नॉनएसी कोच की मैन्युफैक्चरिंग करेगी। इसमें 5300 से अधिक जनरल कोच हैं। इससे ट्रेन से यात्रा करने वाले करोड़ों लोगों को वेटिंग लिस्ट की संख्या कुछ हद तक कम होगी।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने एक बयान में कहा कि, पहले वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4,485 डिब्बों का निर्माण किया जाएगा। जिसमें अधिकतर नॉनएसी कोच होंगे। रेलवे ने अमृत भारत जनरल कोचों सहित 2605 जनरल कोच, अमृत भारत स्लीपर कोच के अलावा 1470 नान एसी स्लीपर, अमृत भारत एसएलआर कोच सहित 323 एसएलआर कोच, 32 उच्च क्षमता वाले पार्सल वेन और 55 पेंट्रीकार बनाने बनाई जाएगी।

वहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2710 जनरल कोच का निर्माण किया जाएगा। जिनमें अमृत भारत के जनरल कोच भी शामिल है। अमृत भारत ट्रेन को मिलाकर 1910 स्लीपर कोच बनाए जाएंगे। इसके साथ ही 514 एसएलआर कोच, 200 उच्च क्षमता वाले पार्सल वेन और 110 पेंट्रीकार बनाने की योजना है।

इस दौरान भारतीय रेलवे आम जनाता को आरामदायक और किफायती सफर मुहैया कराने के लिए कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इसके अलावा कई नई ट्रेनों का संचालन भी शुरू किया है। इनमें 2 अमृत भारत एक्सप्रेस नॉन-एसी ट्रेनें भी शामिल है। अमृत भारत एक्सप्रेस 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम है, जिसके दोनों छोर पर इंजन लगे हैं, ताकि आम लोगों को तेज़ और किफ़ायती यात्रा की सुविधा मिल सके। रेल सेवा की मांग गतिशील है और मौसमी बदलाव, यात्री यातायात की वृद्धि के आधार पर घटती व बढ़ती रहती है। कोच का निर्माण आम तौर पर आवश्यकता के अनुरूप होता है। इस स्थिति में यात्री या तो यात्रा रद कर देते हैं या फिर वेटिंग टिकट लेकर आरक्षित कोच में सफर करते हैं। बिना बर्थ के यात्रा करने से यात्रियों को परेशानियां भी होती है। इस दौरान जब इतनी बड़ी संख्या में भारती रेलवे की कोच फैक्ट्री में नए कोच का निर्माण होगा तो उसे अलग- अलग रेलवे जोन को दिया जाएगा।

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