छत्तीसगढ़ में CBI ने शुरू की पीएससी भर्ती घोटाले की जांच, रडार पर हैं ये अधिकारी..
बता दें रायपुर में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाले (पीएससी) की जांच शुरू कर दी है। यह मामला 2020 से 2022 तक का है।
रायपुर, जनजागरूकता। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाले (पीएससी) की जांच शुरू कर दी है। तत्कालीन अध्यक्ष, अधिकारियों और राजनेताओं के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को 2020-22 के दौरान जिला कलेक्टरेट और डिप्टी एसपी के रूप में नियुक्त किया गया था।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में हुए घोटाले को लेकर सीबीआई जांच शुरू हो चुकी है। सोमवार को सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाले की जांच अपने हाथ में ली। बता दें कि यह मामला 2020 से 2022 तक का है। इस दौरान छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग पर कथित तौर पर आरोप लगाए गए थे कि आयोग ने अयोग्य उम्मीदवारों को भर्ती किया है। जिसमें अधिकारियों और राजनेताओं के रिश्तेदारों व परिवार के सदस्यों को नियुक्त किया गया था। वहीं, अब मामले को टेकओवर करते हुए सीबीआई ने इसकी जांच शुरू कर दी है। इसे लेकर सोमवार को सीबीआई ने कई जगह छापेमारी भी की।
अधिकारियों ने सोमवार को यह बात कही। वहीं सीजी पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव के ठिकानों पर मारे गए हैं। सीबीआई के सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष और सचिव के साथ ही परीक्षा नियंत्रण के आवासीय परिसरों की तलाशी ली जा रही है। एजेंसी ने तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जेके ध्रुव और अन्य के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य बेटों, बेटी, रिश्तेदारों और परिचितों को जिला कलेक्टरों, डिप्टी एसपी के बड़े पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में डालने के आरोप में FIR दर्ज की है। सीबीआई ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के अनुरोध पर तत्कालीन अध्यक्ष, तत्कालीन सचिव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) एवं अन्यों के विरुद्ध ईओडब्ल्यू/एसीबी पुलिस स्टेशन, रायपुर में अपराध संख्या 05/2024 तथा अर्जुन्दा पुलिस स्टेशन, जिला – बालोद में अपराध संख्या 28/2024 के तहत पूर्व में दर्ज मामलों की जांच के लिए मामला दर्ज किया। इन सभी पर आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे, बेटी, रिश्तेदारों, अपने परिचितों आदि को भर्ती करके अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया, जो वर्ष 2020-2022 के दौरान, आयोजित परीक्षा व साक्षात्कार में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के विभिन्न पदों हेतु कथित रूप से अयोग्य उम्मीदवार थे।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सोनवानी के बेटे नितेश को कथित तौर पर डिप्टी कलेक्टर, उनके बड़े भाई के बेटे साहिल को डिप्टी एसपी और उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी, उनके बेटे की पत्नी निशा कोसले को डिप्टी कलेक्टर और उनके भाई की बहू दीपा आदिल को जिला आबकारी अधिकारी के रूप में चुना गया था। CBI प्रवक्ता ने कहा है कि, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे (सुमित) को डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित किया।
इनके चयन की चल रही जांच :
अभ्यर्थी – पद – रिश्तेदारी
- नितेश – डिप्टी कलेक्टर- टामन सिंह के बेटे
- साहिल- डीएसपी – टामन सिंह के बड़े भाई के बेटे
- निशा कोसले- डिप्टी कलेक्टर- टामन सिंह की बहू
- दीपा अजगले आडिल- जिला आबकारी अधिकारी- टामन सिंह सोनवानी की भाई बहू
- सुनीता जोशी – लेबर आफिसर- टामन सिंह सोनवानी की बहन की बेटी
- सुमित ध्रुव- डिप्टी कलेक्टर- पीएससी सचिव के बेटे
- नेहा खलखो- डिप्टी कलेक्टर- राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो की बेटी
- निखिल खलखो- डिप्टी कलेक्टर- राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो के बेटे
- साक्षी ध्रुव- डिप्टी कलेक्टर- डीआईजी ध्रुव की बेटी
- प्रज्ञा नायक- डिप्टी कलेक्टर- कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार की बेटी
- प्रखर नायक- डिप्टी कलेक्टर- कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार के बेटे
- अनन्या अग्रवाल- डिप्टी कलेक्टर- कांग्रेस नेता की बेटी
- शशांक गोयल- डिप्टी कलेक्टर- कांग्रेस नेता सुधीर कटियार का दामाद
- भूमिका कटियार- डिप्टी कलेक्टर- कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी
- खुशबू बिजौरा- डिप्टी कलेक्टर – मंत्री के ओएसडी के साढू की बेटी
- स्वर्णिम शुक्ला- डिप्टी कलेक्टर- कांग्रेस नेता राजेन्द्र शुक्ला की बेटी
- राजेन्द्र कुमार कौशिक- डिप्टी कलेक्टर- कांग्रेस नेता के बेटे
- मीनाक्षी गनवी- डिप्टी कलेक्टर – टामन सिंह सोनवानी के करीबी की बेटी