अंतरिक्ष पर भारत का परचम- चांद की ओर चंद्रयान-3, वांछित कक्षा तक सफल

श्रीहरिकोटा से चंद्रयान की लॉन्चिंग की गई है। यह चांद की सतह पर 24 या 25 अगस्त को लैंड करेगा।

अंतरिक्ष पर भारत का परचम- चांद की ओर चंद्रयान-3, वांछित कक्षा तक सफल

श्रीहरिकोटा, जनजागरुकता डेस्क। भारत के लिए आज दिन ऐतिहासिक हो गया है। इसरो ने आज 14 जुलाई 2023 को LVM-3 रॉकेट से चंद्रयान 3 को लॉन्च कर दिया है। श्रीहरिकोटा से चंद्रयान की लॉन्चिंग की गई है। यह चांद की सतह पर 24 या 25 अगस्त को लैंड करेगा।

बता दें कि पूरे विश्व की नजर भारत के बढ़ते कदम की ओर है। लॉन्च के बाद इसरो के सभी वैज्ञानिक, स्टॉफ बेहद खुश नजर आ रहे हैं।

इसरो के अनुसार करीब 40 दिनों बाद चंद्रमा पर यह यान लैंड करेगा। इसको के वैज्ञानिकों ने प्रक्षेपण यान से उपग्रह के सफल पृथक्करण की घोषणा की। उपग्रह को अब चंद्रमा की यात्रा शुरू करने के लिए वांछित कक्षा में स्थापित कर दिया गया है।

23 या 24 अगस्त को होगी सॉफ्ट लैंडिंग

अंतरिक्ष यान द्वारा ले जाए गए लैंडर के 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रोपल्शन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है। रॉकेट का पहला चरण ठोस ईंधन द्वारा संचालित है। दूसरा चरण तरल ईंधन द्वारा संचालित है, जबकि तीसरे और अंतिम चरण में तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित क्रायोजेनिक इंजन है।

फिर रोवर प्रयोग के लिए बाहर आएगा

चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा की जमीन पर सुरक्षित उतारना है। उसके बाद रोवर प्रयोग करने के लिए बाहर निकलेगा। लैंडर से बाहर निकलने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल द्वारा ले जाए गए पेलोड का जीवन तीन से छह महीने के बीच है। दूसरी ओर, इसरो ने कहा कि लैंडर और रोवर का मिशन जीवन एक चंद्र दिवस या 14 पृथ्वी दिवस है।

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