सरकार के खिलाफ संविदा कर्मचारियों ने निकाली वादों की बारात
प्रदेशभर से संविदा कर्मचारी शनिवार को फिर धरना स्थल पर इकट्ठा होकर मांगों की पूर्ति के लिए सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सड़क पर उतरे।
रायपुर, जनजागरुकता। वादा पूरा नहीं करने से नाराज 45 हजार संविदा कर्मचारी छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ महीनों से आंदोलन पर हैं। भविष्य को लेकर चिंतित संविदा कर्मचारी नई राजधानी तूता धरना स्थल पर लगातार प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार से वादा निभाने की मांग कर रहे हैं। वहीं स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के साथ ही 108 एंबुलेंस के कर्मचारी भी मांगों पर एकजुट हुए हैं।
प्रदेशभर से संविदा कर्मचारी शनिवार को फिर धरना स्थल पर इकट्ठा होकर मांगों की पूर्ति के लिए सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सड़क पर उतरे। जहां वे अनोखा प्रदर्शन करते हुए वादों की बारात निकालकर सरकार के खिलाफ हल्लाबोला। इस दौरान हजारों की संख्या में संविदा कर्मचारी गाजे-बाजे के साथ वादों की बारात में शामिल होकर कांग्रेस द्वारा पिछले चुनाव में किए वादों को याद दिलाया।
बता दें कि, संविदा कर्मचारियों ने 3 जुलाई से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। एक महीने तक आंदोलन के बाद सरकार से आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म किया गया था। पर वादे से मुकरने के बाद संविदा कर्मचारी फिर आंदोलन शुरू कर दिए। वहीं स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के साथ ही 108 एंबुलेंस के कर्मचारी भी मांगों पर एकजुट हुए हैं।
बता दें कि, प्रदेश के 45 हजार संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। वहीं आज संविदा कर्मचारी गाजे-बाजे के साथ वादों की बारात में शामिल हुए। जहां सरकार द्वारा पिछले चुनाव में किए वादों को याद दिलाया। संविदा कर्मचारी 3 जुलाई 2023 से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
ये है सर्व विभागीय संविदा कर्मचारियों की मांगे
अनियमित कर्मचारियों को स्थाई किया जाए। नौकरी की सुरक्षा 62 वर्ष आयु तक हो।वरिष्ठता का लाभ मिले। वेतन, ग्रेच्युटी, क्रमोन्नति-पदोन्नति, सामाजिक सुरक्षा मिले।अनुकंपा नियुक्ति हो। पेंशन जैसी मूलभूत सुविधा मिलना चाहिए।