Atul Subhash Case : AI इंजीनियर ने की आत्महत्या, पत्नी-सास समेत 4 पर FIR, लिखा 24 पन्नों का सुसाइड नोट..
अतुल ने 90 मिनट के अपने वीडियो में अपनी आखिरी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि उनके मामलों की सुनवाई लाइव होनी चाहिए ताकि लोग हमारी न्यायिक प्रणाली की स्थिति को समझ सकें।
जनजागरुकता डेस्क। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एआई इंजीनियर (AI Engineer) अतुल सुभाष (Atul Subhash) का सुसाइड (Suicide) केस इन दिनों काफी चर्चा में है। अतुल सुभाष (Atul Subhash) ने खुदकुशी से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट और एक वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो और नोट के सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। अतुल (Atul Subhash) ने सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी और उसके परिवारवालों ने उनके खिलाफ साजिश रचकर उन्हें 9 फर्जी मामलों में फंसाया। उन्होंने जौनपुर की प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक और अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया सहित पांच लोगों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इनमें सास निशा सिंघानिया, साला अनुराग सिंघानिया उर्फ पीयूष, और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया का नाम भी शामिल है।
अतुल (Atul Subhash) का कहना है कि उनकी पत्नी के परिवार ने उनके माता-पिता और भाई को भी झूठे मुकदमों में फंसाकर प्रताड़ित किया। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दी गईं कि उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा। अतुल (Atul Subhash) ने अपनी तकलीफ बयान करते हुए कहा कि पिछले कुछ समय में उन्हें कोर्ट के 120 तारीखें मिलीं, जिनमें से 40 बार वह बेंगलुरु से जौनपुर आए। एक तारीख के लिए उन्हें दो दिन का समय और काफी मेहनत लगानी पड़ती थी। उन्होंने यह भी बताया कि कोर्ट की ज्यादातर तारीखें बेकार जाती हैं क्योंकि जज छुट्टी पर होते हैं, वकीलों की हड़ताल होती है, या नई तारीख मांग ली जाती है।
अतुल (Atul Subhash) ने 90 मिनट के अपने वीडियो में अपनी आखिरी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि उनके मामलों की सुनवाई लाइव होनी चाहिए ताकि लोग हमारी न्यायिक प्रणाली की स्थिति को समझ सकें। उन्होंने कहा कि उनके परिवार और उन्हें जिस तरह से झूठे मामलों में फंसाया गया और प्रताड़ित किया गया, वह बेहद दुखद और अन्यायपूर्ण है।