सीजी में 58% आरक्षण निरस्त करने का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने जवाब के लिए दिया 4 मार्च तक का समय
सोमवार को इस पर सुनवाई हुई, आदिवासी समाज के अधिवक्ता ने अंतरिम राहत देने की मांग की, जिसे उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया।
रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा 58% आरक्षण को निरस्त करने के मामले को लेकर आदिवासी समाज उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली गया था। सोमवार को इस पर सुनवाई हुई, आदिवासी समाज के अधिवक्ता ने अंतरिम राहत देने की मांग की, जिसे उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया। इस पर उच्चतम न्यायालय ने सभी पक्षों को 4 मार्च 2023 तक जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
मामले की अगली सुनवाई उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में 22 और 23 मार्च को होगी। छत्तीसगढ़ की सरकार, विपक्ष और राजभवन को इस पर मंथन करना होगा कि 2 दिसंबर 2022 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पास 76% आरक्षण की क्या स्थिति होगी। आरक्षण राजनीति का शिकार हो चुका है और इसके पीड़ित हैं छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जनजाति वर्ग, अनुसूचित जाति वर्ग, पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लोग।
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