शक्तिपीठ परियोजना से Chhattisgarh सरकार कर रही माता के मंदिरों का विकास..
सरकार सभी धार्मिक व शक्तिपीठ परियोजना के तहत विकास का कार्य कर रही है
छत्तीसगढ़, जनजागरूकता डेस्क। छत्तीसगढ़ में हम देख सकते है की अनेको मंदिर है। छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) के सत्ता में आते ही छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार एक ओर जहां छत्तीसगढ़ियों के विकास के कार्य के लिए लगातार जुटी हुई है। वहीं दूसरी ओर यहां के विरासत और प्रसिद्ध स्थलों के विकास की बीड़ा प्रदेश के मुखयमंत्री विष्णुदेव(Chief Minister Vishnudev) की सरकार ने उठाया है। सरकार सभी धार्मिक व शक्तिपीठ परियोजना के तहत विकास का कार्य कर रही है।
बतादे, इस परियोजना के अंतर्गत उत्तराखंड की चार धाम परियोजना की तर्ज पर पांच शक्तिपीठों रतनपुर में महामाया, चंद्रपुर में चंद्रहासनी, डोंगरगढ़ में बम्लेश्वरी, दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर और सूरजपुर स्थित कुदरगढ़ मंदिर को विकसित करके एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य कर रही है। देख सकते है कि छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में मां दुर्गा कई अलग अलग रूपों में विराजित है। लेकिन मां महामाया, मां चंद्रहासनी, मां बम्लेश्वरी, मां दंतेश्वरी और कुदरगढ़ी माँ यहां के 5 देवी का स्थान प्रमुख माना गया है। 3 करोड़ छत्तीसगढ़िया लोगों की देवी मां के प्रति आस्था और विश्वास को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इन जगहों को संवारने में जुटी हुई है। और राजिम को प्रदेश का प्रयाग कहा जाता है। महानदी, पैरी तथा सोंढुर नदी का संगम होने के कारण इसे छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है।
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने इसे धार्मिक पर्यटन के रूप में विश्व में पहचान दिलाने के लिए प्रसाद योजना (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान) में शामिल किया है। योजना में पुरखौती मुक्तांगन में कन्वेंशन सेंटर निर्माण तथा सिरपुर के बागेश्वरी मंदिर के जीर्णोद्धार को भी शामिल किया है। प्रसाद योजना के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य देश के तीर्थ स्थलों को विकसित करना है।janjaagrukta.com