मछली पालन में देश का अग्रणी राज्य बन रहा छत्तीसगढ़
मछुआरों को मिलता है निःशुल्क पानी-बिजली के अलावा बिना ब्याज के तीन लाख रूपये का ऋण
जनजागरूकता,छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ देश में एक बड़ा मछली उत्पादक राज्य बनते जा रहा है। हरसाल हुई अनुकूल वर्षा से प्रदेश में मछली उत्पादन में इजाफा होने की भी उम्मीद है। इससे मछली पालन में जुड़े एक बड़ा कमजोर तबका लाभान्वित हो रहा है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सन 2022 में मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया गया हैं। इसके चलते मछुवारो को पानी बिजली निःशुल्क प्रदान किया जाता है तथा 3 लाख रूपये तक बिना ब्याज के ऋण भी दिया जाता है। गतवर्ष 6 जलाशयो में काम करने वाले मछुवारो को 32 लाख रूपये बोनस भी बांटा गया है। इससे मछुवारो के आय में लगातार वृद्धि हो रही है। राज्य बनने के समय ही प्रदेश में 18000 लोग मछली पालन व्यवसाय में संलग्न थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 2 लाख 21 हजार तक पहुंच गई है। हर साल मछुवारे इस धंन्धे में उतर रहे है,क्योकि राज्य में मछली की डिमांड भी ज्यादा हो गयी है। हालांकि पश्चिमबंगाल समेत अन्य राज्यों में मछलियां भेजी भी जा रही है। मछली पालन व्यवसाय लाभदायक होने का मुख्य कारण न केवल मौसम है बल्कि यहाँ पर्याप्त जल क्षेत्र एवं बीज उपलब्ध होना भी है।
राज्य निर्माण के समय छत्तीसगढ़ में 27.21 लाख बीज उत्तपादन था जो अब बढ़कर 418.07 लाख बीज उत्तपादन है। इसी तरह पहले यहां 0.93 लाख टन मछली उत्तपादन होता था और पारंपरिक मछुवारे भी इसी व्यवसाय से जुड़े थे. अब मतस्य उत्पादन 7.30 लाख टन हो गया है तथा मतस्य व्यवसाय में लगातार अग्रणी राज्य बन रहा है। मतस्य बीज एवं मछली उत्पादन में छतीसगढ़ छटवें नंबर में है।
छत्तीसगढ़ में मछली पालन से जुड़े लोगो का भविष्य इसलिए भी उज्जवल होगा क्योकि करीब 98 फीसदी जल क्षेत्र में मछली पालन हो रहा है। राज्य में सिंचाई जलाशय एवं ग्रामीण तालाब मिलाकर सवा लाख तालाब व बांध है। इसका जल क्षेत्र करीब 1.999 लाख हेक्टेयर है।
* एकवापार्क की स्थापना:-छत्तीसगढ़ मछली पालन व्यवसाय हुए हसदेव बांगो जलाशय में प्रधानमंत्री मतस्य उत्पादन योजना के तहत एकवापार्क की जाएगी। एकवापार्क स्थापित होने से दूसरे देशो में मछली निर्यात की जा सकेगी।
* मछली पालन नेटवर्क का विस्तार:- छत्तीसगढ़ पालन के लिए उत्पादन के वास्ते हेचरियो का निर्माण किया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा रॉयल्टी आधार 1 हजार हेक्टेयर से अधिक जल क्षेत्र वाले बांधो में मछली बीज उत्पादन संरक्षण एवं मतस्याखेट के साथ मछली विपणन का कार्य किया जा रहा है। इससे सलाना एक लाख मानक दिवस रोजगार मिल रहा है। ऐसे करीब 13 जलाशयो में को मतस्य पालन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी मतस्य महासंघ को आवंटित किया गया है।
*अनुकूल मौसम :-मतस्य पालन से जुड़े अधिकारी एवं जानकर लोग बताते है कि छत्तीसगढ़ में ठंड कम पढ़ने से मछलियाँ ज्यादा बढ़ती है। राज्य के मैदानी इलाकों में मसलन पखवाड़े पर भी कड़ाके की सर्दी पढ़ती है तब मछलियां स्थिर हो जाती है। इसके बाद मछलियों का ग्रोथ बढ़ जाता है। ग्रामीण तालाबों में मवेशियों के प्रवेश से भी मछलियां दौड़ती भागती है और ऐसी मछलियां तेजी से बढ़ती है।janjaagrukta.com