शराब घोटाला : ईडी ने एक और को हिरासत में लिया, खुलेंगे नए राज
मुख्य सरगना सीएसएमसीएल के एमडी अरुणपति त्रिपाठी को ईडी ने मुंबई से गिरफ्तार किया था। उसके बाद आज उनका अघोषित असिस्टेंट अरविंद सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
रायपुर, जनजागरुकता। शराब घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ में ईडी की लगातार कार्रवाई चल रही है। अधिकारी आरोपियों पर शिकंजा कस रहे हैं। इस बार ईडी ने अरविंद सिंह को कब्जे में लिया है। पहले के आरोपियों से इनपुट मिलने के बाद इन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ में लिया गया है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय राब घोटाला मामले में राज्य शासन के अधिकारियों एवं ठेकेदारों पर लगातार कार्रवाई कर गिरफ्तार कर रही है। अरविंद सिंह किसी भी पद पर नहीं थे लेकिन वे एपी त्रिपाठी के अघोषित असिस्टेंट रहे हैं।
इससे पहले छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाले का मुख्य सरगना सीएसएमसीएल के एमडी अरुणपति त्रिपाठी को ईडी ने मुंबई से गिरफ्तार किया था।रायपुर कोर्ट में पेश किया था। उसके बाद आज उनका अघोषित असिस्टेंट अरविंद सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
संलिप्तता की पुष्टि हुई
इस मामले में बड़े कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। बताया जाता है कि उसी से इनपुट मिला था। उसके आधार पर अरविंद सिंह को भी ईडी ने अपने रडार पर लिया। उसके खिलाफ सबूत मिलने के बाद मामले में उसकी संलिप्तता की पुष्टि की गई। हालांकि अभी ईडी की ओर से आधिकारिक रूप से उसकी गिरफ्तारी को लेकर कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
ईडी ने प्रेसरिलीज में जानकारी दी थी
शराब घोटाला मामले में ईडी की पूर्व की जांच और फिर अनवर ढेबर को कस्टडी में लेकर की गई पूछताछ के आधार पर ईडी ने प्रेस रिलीज जारी किया था। इसमें दावा किया गया था कि छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच शराब घोटाले के जरिए 2 हजार करोड़ का भ्रष्टाचार किया गया है। इसका मास्टरमाइंड अनवर ढेबर है, जिसने बाकायदा सिंडिकेट तैयार कर लिया था। मार्कफेड व आबकारी के बड़े अफसरों की मिलीभगत से डिस्टलरों, शराब निर्माताओं, बॉटल व होलोग्राम तैयार करने वाली एजेंसियों से साठगांठ की गई थी।
सूर्यकांत से मिला इनपुट
ईडी के अनुसार इन सब में बड़े नेताओं के अलावा सीनियर अफसरों का भी उसे सपोर्ट था। इसी के आधार पर मामले से जुड़े कई अन्य लोगों को भी एक-एक कर गिरफ्तार किया गया। इसमें सूर्यकांत भी पकड़ में आया, जिससे मिले इनपुट के आधार पर अरविंद सिंह का भी नाम आया। इसके बाद से ईडी अफसरों को उसकी तलाश थी।