जगदलपुर में एनएमडीसी का 3 लाख टन क्षमता का आयरन ओर डिपो शुरू
रेलवे स्टेशन के साइडिंग में लौह अयस्क (आयरन ओर) दुलाई के लिए डिपो बनकर तैयार हो गया है, जिसमें 3 लाख टन आयरन ओर रखने की क्षमता है।
कुम्हार मारेंगा के इस डिपो में किरंदुल-बचेली से मालगाड़ियों में आयरन ओर परिवहन कर भंडारित किया जाएगा
जगदलपुर, जनजागरुकता। जगदलपुर के कुम्हार मारेंगा स्थित रेलवे स्टेशन के साइडिंग में लौह अयस्क (आयरन ओर) दुलाई के लिए डिपो बनकर तैयार हो गया है, जिसमें 3 लाख टन आयरन ओर रखने की क्षमता है। डिपो का उद्देश्य किरंदुल बचेली से मालगाड़ियों में आयरन ओर परिवहन कर यहां लाकर डिपो में भंडारित करना है। डिपो के माध्यम से नगरनार प्लांट एवं विशाखापट्टनम स्थित स्टील प्लांटों को लौह अयस्क की निरंतर आपूर्ति करने को लक्ष्य है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ स्टील उद्योगों को भी इस डिपो से आयरन ओर की आपूर्ति की जा सकेगी।
सोमवार को एनएमडीसी लिमिटेड के उत्पादन निदेशक डीके मोहंती एवं डीआरएम अनूप सतपथी ने नवनिर्मित रेलवे साइडिंग डिपो का उद्घाटन किया। इस अवसर पर निदेशक उत्पादन मोहंती ने कहा कि इस डिपो में 3 लाख टन आयरन ओर भंडार करने की क्षमता है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड और रेलवे ने मिलकर की है। इस मौके पर मुख्य महाप्रबंधक विनय कुमार (किरंदुल) मुख्य महाप्रबंधक पीके मजूमदार (बचेली), उप महाप्रबंधक (कार्मिक) बीके माधव (किरंदुल), किरंदुल एवं बचेली परियोजना के विभागों के प्रमुख एवं दोनों परियोजनाओं के मजदूर संघ के अध्यक्ष एवं सचिव मौजूद थे।
स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
आयरन ओर डिपो और रेलवे की साइडिंग बनाने में एनएमडीसी लिमिटेड ने पूंजी निवेश किया है। कंपनी स्थायी साधन की काफी लंबे समय से तैयारी कर रही थी जो कि इस नए रेलवे साइडिंग एवं डिपो के रूप में सबके सामने है। अफसरों ने बताया कि कंपनी हर वक्त आधुनिकता के लिए प्रयासरत है। डीआरएम अनूप सतपथी ने चर्चा में कहा कि रेलवे की नई साइडिंग खुलने से आयरन ओर के परिवहन एवं आपूर्ति दोनों क्षेत्रों में काम बढ़ेगा। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।