नहीं चलेगी पड़ोसी की चालाकी, नहीं बच पाएंगे आतंकी, सीमा की निगरानी करेगा एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन

आखिरी मंजूरी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से होनी है। आर्मी, एयरफोर्स को 8-8 और नेवी को 14 ड्रोन मिलेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले यह डील बड़ा मायने रखता है।

नहीं चलेगी पड़ोसी की चालाकी, नहीं बच पाएंगे आतंकी, सीमा की निगरानी करेगा एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन

नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। दुनिया का सबसे उन्नत मानवरहित एमक्यू-9बी  प्रीडेटर ड्रोन को भारत के रक्षा खरीद परिषद ने अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स से खरीदने के लिए सहमति दे दी है। पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले यह डील होना काफी मायने रखता है। इसकी आखिरी मंजूरी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से मिलनी है। तीन बिलियन डॉलर में 30 MQ-9 ड्रोन अमेरिका से लिए जाएंगे। आर्मी, एयरफोर्स को 8-8 और नेवी को 14 ड्रोन मिलेंगे। यह 50 हजार फीट की ऊंचाई से दुश्मन का काम तमाम कर सकता है। 

अफगानिस्तान युद्ध में हुआ था इस्तेमाल

ड्रोन की खासियत ये है कि दुश्मन को आने तक की खबर नहीं मिलती है। अमेरिका इसे हंटर किलर यूएवी श्रेणी में रखता है। ड्रोन बनाने वाली कंपनी जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल के अनुसार, इस मानव रहित ड्रोन ने अपनी पहली उड़ान दो फरवरी 2001 में भरी थी। 950 शाफ्ट हॉर्स पावर टर्बोप्रॉप इंजन से लैस यह बेहद घातक और ताकतवर है। अफगानिस्तान युद्ध के दौरान 2008 में अमेरिकी वायुसेना ने 230 किलो वजनी बम से दुश्मन के 16 ठिकानों को एक उड़ान में तबाह किया था। इस ड्रोन के माध्यम से चीन-पाक की हर हरकत पर नजर रख सकेंगे। 

ये ड्रोन कई तरह की भूमिकाएं निभाने में सक्षम

एमक्यू-9बी के दो स्वरूप हैं स्काई गार्डियन और सी गार्डियन। सी गार्डियन ड्रोन तीनों सशस्त्र बलों के लिए खरीदे गए हैं, क्योंकि ये ड्रोन समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्ध सहित कई तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं।

मालवाहक विमान से इसे कहीं भी ले जा सकते हैं

वर्ष 2018 तक अमेरिकी वायुसेना के पास कुल 287 एमक्यू-9 ड्रोन थे। 500 से अधिक रीपर ड्रोन बनाने का लक्ष्य है जिसमें अमेरिकी वायुसेना के पास 300 से अधिक रहेंगे। रिपोर्ट के अनुसार सी-17 ग्लोबमास्टर 3 सैन्य मालवाहक विमान से इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। 

ड्रोन घातक बम और मिसाइल से हमला करने में सक्षम

ड्रोन घातक बम और मिसाइल से दुश्मन के ठिकानों पर आसानी से हमला करने में सक्षम है। ड्रोन थर्मोग्राफिक कैमरे और सेंसर से लैस है। ड्रोन में मौजूद एक कैमरा तीन किलोमीटर दूर मौजूद किसी वाहन के नंबर प्लेट को पढ़ सकता है। 

कई देशों ने जताई खरीदने की इच्छा

रीपर ड्रोन अमेरिका के साथ दुनिया के कई और देशों की ताकत है। फ्रांस ने 2013 में दो ड्रोन का ऑर्डर दिया था। इसी तरह ग्रीस ने वर्ष 2022 में तीन नए रीपर ड्रोन की खरीदारी की थी। इसके अलावा स्पेन, ब्रिटेन, नीदरलैंड, इटली जैसे देशों ने अमेरिका से इस ड्रोन की खरीदारी की इच्छा जताई है।

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