गर्व-गर्व.. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अमेरिकी संसद भवन में हिंदू-अमेरिकन सम्मेलन

सम्मेलन की शुरुआत श्रीमद् भगवद्गीता से हुई। इस सम्मेलन को अमेरिकन फॉर हिंदूज का नाम दिया गया।

गर्व-गर्व.. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अमेरिकी संसद भवन में हिंदू-अमेरिकन सम्मेलन

वॉशिंगटन, जनजागरुकता डेस्क। अमेरिका के संसद भवन में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पहला हिंदू, अमेरिकन सम्मेलन 14 जून को हुआ। सम्मेलन की शुरुआत में श्रीमद् भगवद्गीता का भी जिक्र हुआ। इस सम्मेलन को अमेरिकन फॉर हिंदूज का नाम दिया गया। इस सम्मेलन का मुख्य मकसद अमेरिका में रहने वाले हिंदू समुदाय की दिक्कतों की तरफ अमेरिका के कानून निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करना था।  

वैदिक मंत्रोच्चार और प्रार्थना के साथ सम्मेलन की शुरुआत

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सम्मेलन की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और प्रार्थना के साथ हुई। इस दौरान रोमेश जापरा ने कहा कि हमारे हिंदू मूल्य पूरी तरह से अमेरिकी संविधान के साथ साझा हैं, वह भगवद्भतगीता के साथ प्रतिध्वनित होते हैं। इसलिए हम हिंदू अमेरिकन्स को आवाज देने के लिए समर्पित हैं।

हिंदू अमेरिकी नेताओं को राजनीति में अभी उतनी सफलता नहीं

जापरा ने कहा कि बहुत अच्छे वैज्ञानिक, डॉक्टर और बौद्धिक लोग हमारे समुदाय में हैं लेकिन हमें राजनीति में अभी उतनी सफलता नहीं मिली है। राजनीति में हिंदू अमेरिकी नेताओं का प्रभाव बढ़ाने के लिए एकजुट होकर हिन्दू हितों के लिए संघर्ष करेंगे। जो हमारी बात सुनेंगे हम उनका साथ देंगे। इसलिए पहली बार हम सभी हिंदू अमेरिकी नेता और 20 अलग-अलग संगठन एक साथ आए हैं। अमेरिकी संसद के स्पीकर केविन मैक्कार्थी और डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों के कई अन्य नेता भी इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे ताकि हमारे नेता और आने वाली पीढ़ी भी राजनीति में सक्रिय तौर पर भागीदारी कर सकें। 

पीएम मोदी से मिली प्रेरणा

जापरा ने कहा कि पीएम मोदी के आगामी अमेरिका दौरे को लेकर वह बहुत उत्साहित हैं। वह भारत को दुनिया के नक्शे पर उभारने की ताकत रखते हैं। वह बहुत कुछ करने में सक्षम हैं और हमें इससे प्रेरणा मिलती है।

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