Ratan Tata ने की थी पूर्व प्रधानमंत्री की तारीफ, कहा- हर भारतीय आपका कर्जदार..

आर पी जी समूह के चेयरमैन और व्यवसायी हर्ष गोयनका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रतन टाटा द्वारा 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को लिखे एक पत्र की तस्वीर साझा की है।

Ratan Tata ने की थी पूर्व प्रधानमंत्री की तारीफ, कहा- हर भारतीय आपका कर्जदार..
Ratan Tata praised the former Prime Minister, said- Every Indian is your debtor..

जनजागरुकता डेस्क। देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का 86 वर्ष की आयु में मुंबई (Mumbai) के एक अस्पताल में बुधवार, 9 अक्टूबर 2024 की रात निधन हो गया। अपने सरल स्वभाव और जीवन के प्रति उत्साह के कारण उन्होंने करोड़ों लोगों के दिलों में विशेष स्थान बनाया है। आज देश-विदेश के लोग उन्हें अलग-अलग तरीकों से याद कर रहे हैं। 

इसी बीच, आर पी जी समूह के चेयरमैन और व्यवसायी हर्ष गोयनका (businessman Harsh Goenka) ने सोशल मीडिया (social media) प्लेटफॉर्म एक्स पर रतन टाटा (Ratan Tata) द्वारा 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (Prime Minister PV Narasimha Rao) को लिखे एक पत्र की तस्वीर साझा की है। इस चिट्ठी में उन्होंने भारत में आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने में नरसिम्हा राव (Prime Minister PV Narasimha Rao) की उपलब्धि के प्रति सम्मान व्यक्त किया। साल 1996 में भारत की अर्थव्यवस्था का चेहरा बदलने और इसे सुधार के रास्ते पर ले जाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव (Prime Minister PV Narasimha Rao) को भारतीय आर्थिक सुधारों का जनक भी कहा जाता है। बिजनेसमैन हर्ष गोयनका (businessman Harsh Goenka) ने इस लेटर का शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "शानदार इंसान की खूबसूरत लिखावट."  

रतन (Ratan Tata) ने लेटर में लिखा-

रतन टाटा (Ratan Tata) ने लिखा, "डियर मिस्टर नरसिम्हा राव (Dear Mr. Narasimha Rao), मैं भारत में बहुत आर्थिक सुधारों की शुरुआत में आपकी उपलब्धि को हमेशा याद रखूंगा और सम्मान करूंगा. आपकी सरकार और आपने भारत को आर्थिक दृष्टि से दुनिया के मानचित्र में स्थापित किया है. आपने हमें वैश्विक समुदाय का हिस्सा बनाया. मैं व्यक्तिगत रूप से ये मानता हूं कि भारत (India) के दूरदर्शी सोच के लिए आपकी उपलब्धियां अहम हैं और उन्हें कभी भी भुलाया नहीं जाना चाहिए." रतन टाटा (Ratan Tata) ने अपने पत्र में यह लिखा था कि यह उनके निजी विचार हैं. यह पत्र 27 अगस्त 1996 को टाटा ग्रुप (Tata Group) के हेड ऑफिस बॉम्बे हाउस (Head Office Bombay House) के एक कागज पर लिखी गई थी.

पिछले हफ्ते हुआ था निधन

बता दें कि पिछले हफ्ते नौ अक्तूबर को देश के मशहूर उद्दोगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का निधन हो गया था। उम्र से जुड़ी बीमारी के बाद 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। वे दो दिन पहले ही स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे। बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद डॉक्टरों की टीम तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें नहीं बचाने में कामयाब नहीं हो सकी। बता दें कि निधन से एक दिन पहले भी टाटा के आई सी यू में भर्ती होने के दावे किए गए थे, लेकिन खुद टाटा (Ratan Tata) ने इसका खंडन कर दिया था। रतन टाटा (Ratan Tata) अपनी सादगी और सरल स्वभाव की वजह से जाने जाते थे। उदारीकरण के दौर के बाद टाटा समूह आज जिस ऊंचाइयों पर है, उसे यहां तक पहुंचाने में रतन टाटा (Ratan Tata) बहुत बड़ा योगदान है। टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को हुआ था। वे टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के पुत्र थे।

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