कारगिल युद्ध के नायकों को याद किया गया.. -पाकिस्तान ने घोंपा था भारत की पीठ पर खंजर

देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दीं।

कारगिल युद्ध के नायकों को याद किया गया.. -पाकिस्तान ने घोंपा था भारत की पीठ पर खंजर

जम्मू/लेह, जनजागरुकता डेस्क। करगिल युद्ध में जीत का भारत जश्न मना रहा है। 24वें कारगिल विजय दिवस के मौके पर लद्दाख के द्रास में बुधवार को आयोजित मुख्य समारोह में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दीं। साथ ही, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अपने सम्मान और गरिमा को बनाए रखने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करने के लिए तैयार है। 

कारगिल युद्ध में जीत का जश्न मना रहा है भारत

वर्ष 1999 में आज ही के दिन भारत ने दुनिया के सबसे दुर्गम युद्ध क्षेत्रों में एक द्रास में पाकिस्तान को खदेड़ कर कारगिल युद्ध में जीत हासिल की थी। भारत इस जीत का जश्न मना रहा है

भारत की पीठ पर पाक ने घोंपा था खंजर

द्रास में कारगिल विजय दिवस के मौके पर आयोजित मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कारगिल युद्ध भारत के ऊपर एक थोपा गया युद्ध था। उस समय देश ने पाकिस्तान से बातचीत के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया। खुद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपयी ने पाकिस्तान की यात्रा करके कश्मीर सहित अन्य मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया था। लेकिन पाकिस्तान ने भारत की पीठ में खंजर घोंप दिया।

भारत माता के उन जांबाज सपूतों को नमन

रक्षा मंत्री ने कहा, आज 'कारगिल विजय दिवस' के पावन अवसर पर, आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। सबसे पहले मैं, भारत माता के उन जांबाज सपूतों को नमन करता हूं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मैं उन वीर सपूतों को नमन करता हूं, जिन्होंने राष्ट्र को सर्वप्रथम रखा, और उसके लिए अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटे।आगे उन्होंने कहा कि कारगिल की वह जीत पूरे भारत की जनता की जीत थी। भारतीय सेनाओं ने 1999 में कारगिल की चोटियों पर जो तिरंगा लहराया था, वह केवल एक झंडा भर नहीं था, बल्कि वह इस देश के करोड़ों लोगों का स्वाभिमान था।

वीर जवानों के दम पर भारत हर बार-बार उठा

उन्होने कहा कि भारत अपने सम्मान और गरिमा को बनाए रखने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करने के लिए तैयार है, और नागरिकों से ऐसी स्थिति में सैनिकों का समर्थन करने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। सिंह ने कहा कि भारत नाम का यह विशाल वटवृक्ष, उन्हीं वीर जवानों के खून और पसीने से अभिसिंचित है। अपने हजारों सालों के इतिहास में, इस देश ने अनेक ठोकरें खाईं हैं, पर अपने वीर जवानों के दम पर यह बार-बार उठा है। 

वीर सैनिकों के चलते हम खुली हवा में ले रहे सांस 

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत मां के ललाट की रक्षा के लिए, 1999 में करगिल की चोटी पर देश के सैनिकों ने वीरता का जो प्रदर्शन किया, जो शौर्य दिखाया, वह इतिहास में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। कारगिल की चोटियों पर तिरंगा नहीं, बल्कि लहराया करोड़ों भारतीयों का स्वाभिमान है। उन्होंने कहा कि आज भारत रूपी जो विशाल भवन हमें दिखाई दे रहा है, वह हमारे वीर सपूतों के बलिदान की नींव पर ही टिका है। वीर सैनिकों के चलते हम खुली हवा में सांस ले रहे।

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