Border पर सेना के साथ तैनात होंगे, जानिए क्या है इसकी खासियत..
उच्च ऊंचाई वाले स्थानों में मदद और परिवहन में सुधार के लिए रसद ड्रोन का परीक्षण किया जा रहा है। हाल ही में, भारतीय सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों (उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र) में उपयोग के लिए 100 रोबोट कुत्तों को शामिल किया।
रायपुर, जनजागरूकता। भारत (India) देश की सीमाओं पर रक्षकों के साथ रोबोटिक मल्टी यूटिलिटी लैग्ड इक्विपमेंट (MULE) यानी रोबोटिक डॉग (Robotic Dog) भी हमारी सुरक्षा में तैनात रहेंगे।
जानकारी मिली है कि, ये रोबोटिक डॉग (Robotic Dog) किसी भी ऊंचे पहाड़ से पानी की गहराई तक काम करने में सक्षम हैं। इसे 10 किमी दूर बैठकर भी संचालित किया जा सकता है। इसे एक घंटे चार्ज करने के बाद, 10 घंटे तक लगातार काम कर सकते हैं। रोबोटिक डॉग (Robotic Dog) ने जैसलमेर के पोखरण फायरिंग रेंज में 14 से 21 नवंबर तक भारतीय सेना के बैटल एक्स डिवीजन के साथ प्रशिक्षण लिया है। इस रोबोटिक डॉग का डिजाइन इस प्रकार बनाया गया है कि यह रेगिस्तान, बर्फ, उबड़-खाबड़ जमीन और तो और पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से काम कर सकता है।
इसके अलावा, उच्च ऊंचाई वाले स्थानों में मदद और परिवहन में सुधार के लिए रसद ड्रोन का परीक्षण किया जा रहा है। हाल ही में, भारतीय सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों (उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र) में उपयोग के लिए 100 रोबोट कुत्तों को शामिल किया।
बता दें, थर्मल कैमरे और रडार से लैस रोबोटिक डॉग (Robotic Dog) थर्मल कैमरे और रडार से लैस हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका डिजाइन है। यह आपको बर्फ, रेगिस्तान, उबड़-खाबड़ जमीन, ऊंची सीढ़ी और पहाड़ी इलाकों जैसी हर समस्या से लड़ने के लिए सक्षम बनता है। रोबोटिक कुत्ता (Robotic Dog) सैनिकों को कोई भी नुकसान से बचाते हुए दुश्मन के ठिकानों पर फायरिंग करने में भी सक्षम है। खच्चर कुत्तों को 1 मीटर से 10 किमी की सीमा में चलाया जा सकता है। इसका इस्तेमाल वाई-फाई या लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन यानी एलटीई पर भी किया जा सकता है। वाई-फाई का उपयोग कम दूरी के लिए किया जा सकता है। जबकि 4जी/एलटीई को 10 किमी तक की दूरी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें एक कैमरा है जो 360 डिग्री घुमा सकता है।janjaagrukta.com