Tirupati मंदिर में दर्शन के लिए AI का होगा इस्तेमाल, TTD Board ने लिए कई अहम फैसले..
टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष बी.आर. नायडू ने मीडिया को इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन की प्रतीक्षा को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
जनजागरुकता डेस्क। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने सोमवार को अपनी बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बोर्ड के अध्यक्ष बी.आर. नायडू (B.R. Naidu) ने मीडिया को इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन की प्रतीक्षा को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस पहल से दर्शन का इंतजार समय लगभग 30 मिनट घटकर 2-3 घंटे तक सीमित हो जाएगा।
इसके अलावा, स्थानीय निवासियों को हर महीने के पहले मंगलवार को विशेष दर्शन का लाभ दिया जाएगा। बोर्ड ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर मंदिर में कार्यरत गैर-हिंदू कर्मचारियों पर उचित निर्णय लेने का अनुरोध किया है। 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर प्रशासन में 44 गैर-हिंदू कर्मचारी हैं। बोर्ड ने सरकार से कहा है कि तिरुमाला मंदिर एक हिंदू धार्मिक स्थल है और यहां गैर-हिंदू कर्मचारियों को नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे कर्मचारियों को अन्य विभागों में स्थानांतरित करने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) देने का सुझाव दिया गया है। बोर्ड ने यह भी निर्देश दिया है कि तिरुमाला में कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं की जाएगी। यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
लड्डू प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर हुए विवाद के बाद, बोर्ड ने निर्णय लिया है कि लड्डू बनाने में उच्च गुणवत्ता वाले घी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही, श्री वेंकटेश्वर आलयाल निर्माण ट्रस्ट (श्रीवाणी) को टीटीडी के खाते में मिलाने का निर्णय लिया गया है। बोर्ड ने विभिन्न राज्य पर्यटन निगमों को दिए गए दर्शन कोटे को खत्म करने का भी फैसला किया है, क्योंकि इसमें अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं। तिरुमाला के डंपिंग यार्ड में जमा मलबे को चार महीने में साफ करने का आदेश भी दिया गया है। विशाखा सारदा पीठम मठ सहित कुछ संस्थानों के पट्टे रद्द करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि उन्होंने टीटीडी के नियमों का उल्लंघन किया है। साथ ही, अगली बैठक में यह तय किया जाएगा कि टीटीडी के डिपॉजिट्स को निजी बैंकों से हटाकर राष्ट्रीयकृत बैंकों में स्थानांतरित किया जाए या नहीं।