सेंट्रल जीएसटी टीम ने पैकेजिंग फैक्ट्री में मारा छापा, 2.66 करोड़ स्टॉक जब्त
सोमवार को, सेंट्रल जीएसटी टीम ने बोरियाकला में स्थित एक पैकेजिंग फैक्ट्री में छापा मारकर 2.66 करोड़ रुपए का स्टॉक जब्त किया। फैक्ट्री के मालिक के घर में तलाशी के दौरान 2.88 करोड़ रुपए कैश भी पाए गए।
रायपुर, जनजागरुकता। सोमवार को, सेंट्रल जीएसटी टीम ने बोरियाकला में स्थित एक पैकेजिंग फैक्ट्री में छापा मारकर 2.66 करोड़ रुपए का स्टॉक जब्त किया। फैक्ट्री के मालिक के घर में तलाशी के दौरान 2.88 करोड़ रुपए कैश भी पाए गए। अधिकारियों को मिला कि रायपुर में कई जगहों पर तंबाकू और गुटखा की अवैध फैक्ट्री चल रही है, जिनमें करोड़ों के टैक्स के हेरफेर की जानकारी हो रही थी।
गुटखे की पैकेजिंग का काम शहर के कई स्थानों पर भी हो रहा है। सेंट्रल जीएसटी अधिकारियों को सटीक जानकारी मिलने के बाद, विभाग की टीम ने धमतरी रोड में स्थित मेसर्स ओम रोटो प्रिंटर्स बोरियाकला में छापा मारा। बाहर से तो यह सामान्य प्रिंटिंग प्रेस की तरह लगता है, लेकिन यहां तंबाकू, पान मसाला ब्रांड के लिए पैकेजिंग बना रहे थे। अधिकारियों ने फिल्म, फॉइल, स्ट्रिप्स, और प्लास्टिक का कच्चा माल भी जब्त किया है। यहां पैकेजिंग का निर्माण और सप्लाई पूरी तरह से गुप्त तरीके से किया जा रहा था, जिसकी खबर आसपास के लोगों तक नहीं पहुंची थी। गुटखे की पैकेजिंग के रैपर को प्रिंट करके इसे दूसरे राज्यों में भी भेजा जा रहा था।
फैक्ट्री से 2.60 करोड़ रुपए का अद्वितीय स्टॉक मिला
विभाग की टीम ने फैक्ट्री की तलाशी के दौरान खुलासा किया कि फैक्ट्री संचालक ओडिशा में कारोबार करने वाली कई पार्टियों को तंबाकू, पान मसाला, गुटखा के लिए पैकेजिंग सामग्री सप्लाई कर रहा था। उसकी फैक्ट्री से 2.60 करोड़ रुपए का अद्वितीय स्टॉक मिला, जिसमें बड़ी संख्या में गुटखा के रैपर और कई तरह की पैकेजिंग सामग्री शामिल थी।
फैक्ट्री में मौजूद स्टॉक के बारे में संचालक को कोई जानकारी नहीं मिली और उसने लेजर में भी हिसाब नहीं रखा था। इसलिए पूरा स्टॉक जब्त किया गया। संचालक ने यह भी कबूल किया कि वह गुप्त तरीके से इस काम को कर रहा था।
संचालक के घर से 2.88 करोड़ कैश प्राप्त
बोरियाकला में फैक्ट्री के संचालक का घर भी स्थित है, इस कारण सेंट्रल जीएसटी की टीम ने संचालक के आवास पर भी छापा मारा। आवासीय परिसर की तलाशी के दौरान अफसरों ने वहां से 2.88 करोड़ रुपए कैश प्राप्त किए, और संचालक ने कैश से संबंधित हिसाब नहीं प्रस्तुत किया।
अफसरों ने बताया कि इस रकम को बेनामी रकम के रूप में जानकर, यह तय हुआ कि यह रकम गुटखा रैपर की सप्लाई से जुड़ी है। इस वजह से कैश भी जब्त किया गया है। सेंट्रल जीएसटी के सहायक आयुक्त जीडी माझी ने बताया कि इस मामले की जांच अभी जारी है।