अब स्वास्थ्य कर्मचारी संघ आंदोलन की राह पर, 4 जुलाई से बेमुद्दत हड़ताल
संघ के प्रदेश सचिव सतीश पसेरिया ने बताया कि अपनी 24 सूत्रीय मांगों से शासन को अवगत करा दिए हैं। मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे।
रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले राज्य के सभी संवर्ग के स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर 4 जुलाई को अनिश्चितकालीन आन्दोलन पर जाने का निर्णय लिया है। संघ ने कहा इस संबंध में फैसला सरकार को लेना है। अगर हमारी मांगों को सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया तो आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे।
अपनी मांगों के संबंध में 13 जून को मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव, आयुक्त स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, संचालक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं संचालक आयुष को ज्ञापन सौंपकर अवगत करा दिया गया है।
ये है प्रमुख मांगें
संघ के प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा, महामंत्री अश्वनी गुर्देकर व प्रदेश सचिव सतीश पसेरिया ने बताया कि सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, संचालक चिकित्सा शिक्षा, आयुष संचालनालय द्वारा शासन के निर्देश पर कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने समिति बनाकर वेतन सुधार, विसंगति निवारण का प्रस्ताव जो शासन को प्रेषित किया है उसे मंजूरी देकर तत्काल लागू किया जाए। नर्सिंग ड्रेस धुलाई भत्ता, नाईट ड्यूटी भत्ता, कर्मचारी वर्दी भत्ता, सभी क्लिनिकल स्टाफ को जोखिम भत्ता एवं केंद्र के समान समस्त भत्ते प्रदान किए जाएं।
नई की बजाय नियमितीकरण किया जाए
संघ ने कहा है वर्तमान में की जा रही नियमित भर्तियों के पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुष विभाग,जीवन दीप समिति, डीएमएफ अंतर्गत कार्यरत समस्त संविदा एवं अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।
मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दी
प्रदेश सचिव सतीश पसेरिया ने कहा कि हमारी मांगों के संबंध में पहले भी शासन में बैठे आला अधिकारियों को अवगत कराते रहे हैं लेकिन सरकार इस दिशा में ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए शासन-प्रशासन जो कुंभकर्णी नींद में सोए हुए उसे जगाने के लिए हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो गए है।