वादाखिलाफी से आक्रोशित अनियमित कर्मचारियों ने दी गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा ने कहा नियमितिकरण की मांग करते महीनों से आंदोलनरत हैं।,पर सरकार पीड़ा सुन नहीं रही है। अपने वादे के खिलाफ काम कर रही है।
रायपुर, जनजागरुकता। भविष्य की चिंता में शासन से नियमितिकरण की मांग करते महीनों से आंदोलनरत हैं। पर सरकार पीड़ा सुन नहीं रही है। अपने वादे के खिलाफ काम कर रही है। अब आरपार की लड़ाई में उतरे छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा ने आज जेल भरो आंदोलन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल के सामने अनियमित कर्मचारियों ने गिरफ्तारी दी।
छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि कांग्रेस सरकार प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने, आउट सोर्सिंग बंद करने तथा छटनी किये गए कर्मचारियों को रोजगार देने में टाल-मटोल कर रही है। प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों- मानदेय, आउट सोर्सिंग, ठेका, सेवा प्रदाता, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, अशंकालिक, जाबदर, संविदा, सेवा से पृथक कर्मचारी अपने नियमितीकरण सहित 4 सूत्रीय मांगों को लेकर “छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा, छत्तीसगढ़ आउट सोर्सिंग/ठेका कर्मचारी फेडरेशन” एवं नगर निगम अनियमित कर्मचारी महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में 6 अगस्त 23 को धरना-प्रदर्शन किया एवं गिरफ्तारी दी।
धरना स्थल को बनाया जेल
बता दें कि जिला प्रशासन ने धरना स्थल को ही जेल घोषित कर समस्त कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। वहीं शाम को निःशर्त रिहा कर दिया। तत्पश्चात मोर्चा ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। इस आन्दोलन में प्रदेश के 50 से अधिक अनियमित संगठनों के 10 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारी सम्मिलित हुए।
घोषणा-पत्र में किए वादे भूल गए
छत्तीसगढ़ आउट सोर्सिंग/ठेका कर्मचारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक राजेश गुप्ता ने बताया कि कांग्रेस ने अपने "जन-घोषणा-पत्र" के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, छंटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया था। बता दें कि अनियमित मंच से 14 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री ने स्वयं वचन दिए थे कि इस वर्ष किसानों के लिए है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा।
कमेटी ने रिपोर्ट ही नहीं सौंपी, भविष्य अधर में
अनियमित संघों के आवेदनों का परीक्षण करने कमेटी बनाई गई जो आज पर्यंत रिपोर्ट नहीं सौंप सकी है। अद्यतन लगभग साढ़े चार वर्ष उपरांत भी प्रदेश के अनियमित कर्मचारी (संविदा, दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर/श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट (आउटसोर्सिंग) / मानदेय, जॉबदर, अंशकालीन, ठेका) अनियमित ही हैं।
सरकार संवेदनशील नहीं
प्रेम प्रकाश गजेन्द्र ने कहा कि सरकार ने केवल संविदा वेतन में 27 प्रतिशत एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 4 हजार सम्मान निधि देने की घोषणा की है, परन्तु इस घोषणा से अनियमित कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं। सचिन शर्मा ने बताया कि सरकार गैर वित्तीय वाले मांग को भी पूरा नहीं कर पा रही है। इससे सरकार की मंशा का पता चलता है कि वह अनियमित कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील नहीं है।