पुष्पक Express में फैली आग की अफवाह , 12 लोगो की मौत , हादसे के कारण पर बड़ा खुलासा..
रेल मंत्री के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, जलगांव ट्रेन हादसे में मृतकों के परिजनों को 1.5-1.5 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपए और मामूली चोट वाले लोगों को 5,000 रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की गई है।
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महाराष्ट्र, जनजागरुकता डेस्क। महाराष्ट्र के जलगांव में बुधवार एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है। लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह फैली, यात्रियों ने ट्रेन की चेन खींची और ट्रेन को रोक दिया। इसके बाद जान बचाने के लिए ट्रेन से कूद पड़े। तभी दूसरी ओर से बेंगलुरु से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेसवे आ गई, जो दिल्ली के लिए बेंगलुरु से आ रही थी, इस ट्रेन की चपेट में पुष्पक एक्सप्रेस के यात्री आ गए, कुल 12 लोगों की मौत हो गई है। इस घटना में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है। जानकारी के मुताबिक,हादसे में 12 लोगों की मौत हुई है और 40 से अधिक लोग घायल हो गए हैं जिनका इलाज अस्पताल में किया जा रहा है।
पुष्पक एक्सप्रेस के यात्रियों के साथ ये दुर्घटना मुंबई से 400 किलोमीटर से भी अधिक दूर स्थित पचोरा के निकट माहेजी और परधाडे स्टेशनों के बीच हुई जहां शाम करीब 4 बजकर 42 मिनट जे आसपास यह अफवाह फैल गई कि ट्रेन की बोगी नंबर-4 में धुआं उठ रहा है यानी कि आग लग गई है। यह सुनते ही वहां अफरातफरी मच गई। किसी ने ट्रैन की चैन खींच दी और यात्री ट्रेन से उतरकर भागने लगे और जान बचाने के चक्कर में वह विपरीत दिशा से आ रही तेज रफ्तार कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।
महाराष्ट्र के जलगांव में बुधवार शाम हुए ट्रेन हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा कि ‘महाराष्ट्र के जलगांव में रेलवे ट्रैक पर हुए दुखद हादसे से दुखी हूं। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।'
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस हादसे पर शोक जताया है और हादसे की चपेट में आने वाले यात्रियों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। रेल मंत्री के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, जलगांव ट्रेन हादसे में मृतकों के परिजनों को 1.5-1.5 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपए और मामूली चोट वाले लोगों को 5,000 रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हादसे पर दुख जताया और कहा कि क्षेत्र के सरकारी एवं निजी अस्पतालों को हादसे में घायल यात्रियों के इलाज के लिए सभी जरूरी तैयारियां करने का निर्देश दिया गया है। फडणवीस ने कहा कि इस हादसे की जानकारी मिलने के बाद मंत्री गिरीश महाजन घटनास्थल पर पहुंचे और जिन लोगों की मौत हुई है या जो घायल हैं, उनके इलाज की व्यवस्था की जा रही है। मेरी पुलिस और जिला प्रशाशन से बात हुई है, जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिवार को 5 लाख रुपये का राज्य सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा और घायलों का मुफ्त में इलाज किया जाएगा। घायलों और मृतकों को जो भी रिश्तेदार आ रहे हैं, उनके लिए भी व्यवस्था की जा रही है। मंत्री गिरीश महाजन सारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।"
अब सवाल ये है कि जब ट्रेन में आग लगी नहीं तो अफवाह कैसे उड़ी, कोई साजिश या फिर ये सिर्फ संयोग रहा। आइए समझते हैं। दरअसल, अभी तक आग वाली कहानी की पुष्टि नहीं हुई है। ट्रेन में आग लगी भी थी या नहीं, इसका कोई सबूत सामने नहीं आया है। जब आग लगी नहीं तो ये अफवाह कैसे उड़ी और लोगों ने विश्वास कैसे कर लिया। रेलवे जांच की बात कह रही है, लेकिन कुछ तथ्य सामने आए हैं, जिससे इस अफवाह को बल मिल सकती है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से पीटीआई ने कहा- “हमें शुरुआती जानकारी मिली है कि पुष्पक एक्सप्रेस के एक डिब्बे में ‘हॉट एक्सल’ या ‘ब्रेक बाइंडिंग’ (जैमिंग) की वजह से चिंगारी निकली और कुछ यात्री घबरा गए। उन्होंने चेन खींच दी। कुछ यात्री पटरी पर कूद गए। उसी समय पास की पटरी से कर्नाटक एक्सप्रेस गुजर रही थी।”
वही, हादसे पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा, “श्रावस्ती (यूपी) के उधल कुमार और विजय कुमार ट्रेन में थे वे जनरल बोगी में यात्रा कर रहे थे और ऊपर की बर्थ पर बैठे थे… पेंट्री से एक चाय बेचने वाले ने बोगी में आग लगने की आवाज लगाई, दोनों ने यह सुना और घबरा गए… कुछ यात्री आग से खुद को बचाने के लिए चलती ट्रेन से बाहर कूद गए… लेकिन ट्रेन स्पीड में थी इसलिए उनमें से एक ने चेन खींच दी और ट्रेन रुक गई… कई यात्री ट्रेन से उतर गए और रेलवे ट्रैक पार करने लगे… तभी कर्नाटक एक्सप्रेस बहुत तेज गति से आई और रेलवे ट्रैक पार कर रहे यात्रियों को टक्कर मार दी… हादसे में 13 लोगों की मौत हुई है।“
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यात्री उधल कुमार और विजय कुमार की ओर से फैलाई गई अफवाह के कारण यह घटना घटी, वे घायल हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। मृतकों में से 10 की पहचान हो गई है जबकि अन्य 3 की पहचान नहीं हो पाई है। कुल घायलों की संख्या 10 है, जिसमें 8 पुरुष और 2 महिलाएं है, हमने प्रशासन को सभी घायलों को सरकारी खर्च पर इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। घटना की जांच चल रही है।”
इस हादसे को देखने के बाद 31 साल पहले बोरीवली-कांदिवली लेडीज स्पेशल ट्रेन में हुई घटना की याद आ गई। उस दौरान भी इसी तरह चलती ट्रेन से महिलाएं बाहर कूदने लगीं थी। ये घटना 13 अक्टूबर 1993 को हुई थी फर्स्ट क्लॉस कंपॉर्टमेंट में सफर कर रहीं महिलाओ को बोगी के नीचे से धूआं सा निकलता हुआ दिखा। उन्हें लगा कि बोगी में आग लगने वाली है और वो इतनी घबरा गईं कि चलती ट्रेन से ही छलांग लगा दी। इस हादस में 22 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे वाले दिन मुंबई और आसपास तेज बारिश हो रही थी। इस वजह से भी बोगी के अंदर बैठी महिलाएं और ज्यादा घबरा गई थीं। janjaagrukta.com