ब्रिटिश काल का 94 साल पुराना पुल सह नहीं पाया हैवी ट्रक का भार.. ढह गया
बहुदा नदी पर बना पुल ओडिशा और आंध्रप्रदेश को जोड़ता है। 1929 में उड़िया राजा रामचंद्र मर्दराज ने इसे बनवाया था।
इच्छापुरम, जनजागरुकता डेस्क। ब्रिटिश काल में देश के अनेक नदी-नालों पर पुल बनाया गया था। पुलों की मजबूती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सौ साल के लगभग अवधि गुजर जाने के बाद भी इन पुलों पर आज भी आवाजाही जारी है।
ऐसा ही ब्रिटिश काल का एक पुल 94 साल पहले 1929 में उड़िया राजा रामचंद्र मर्दराज ने बाहुदा नदी पर आंध्र प्रदेश के इच्छापुरम में बनाया था। इसका उद्घाटन मद्रास के तत्कालीन गवर्नर ने किया था।
कल अल सुबह यह पुल उस समय ढह गया जब 70 टन ग्रेनाइट पत्थर से लदा ट्रक आंध्र प्रदेश पलासा की ओर जाने के लिए पुल से गुजर रहा था। इसी दौरान ट्रक का एक टायर पंचर हो गया और गाड़ी पुल पर खड़ी हो गई। इसी दौरान ट्रक का चालक और हेल्पर टायर बदलने के लिए नीचे उतरे ही थे.. तभी पुल भरभरा कर ढह गया और ट्रक नीचे चला गया।
खड़े ट्रक का भार अधिक पड़ा
दशकों पुराना पुल जर्जर हो चुका था, इस कारण प्रशासन ने पहले ही पुल से आने-जाने पर रोक लगा दिया था। फिर भी भारी वाहनों का आना-जाना लगा था। बुधवार को ग्रेनाइट से लदे एक ट्रक के वजन के कारण नीचे ढह गया। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
पुल ओडिशा के कई गांवों को इच्छापुरम से जोड़ता है
यह पुल ओडिशा के कई गांवों को इच्छापुरम से जोड़ता है। यह गंजम के पतरापुर क्षेत्र से इच्छापुरम तक का सबसे छोटा मार्ग था। पूर्व में आंध्रप्रदेश के अधिकारियों ने कई बार पुल की मरम्मत की थी और यहां तक कि भारी वाहनों को इस पर नहीं चलने का निर्देश दिया था। हालांकि, पर्यवेक्षण की कमी के कारण यात्री बसों सहित भारी वाहनों ने पुल का उपयोग करना जारी रखा, जिससे इस पर भारत पड़ते गया और यह कमजोर होते गया, कल पुल ढह गया।