HC : सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा, नियुक्ति के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दिया 90 दिनों का समय
कोर्ट द्वारा 23 अगस्त 2023 को पारित आदेश के परिपालन में राज्य द्वारा बंद लिफाफे में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। याचिकाओं के इस समूह में, अधिकांश याचिकाओं में प्रतिवादियों द्वारा उत्तर दाखिल किया जा चुका है। कुछ याचिकाओं में, उत्तर अभी भी प्रतीक्षित है।
बिलासपुर, जनजागरुकता। रिट याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने सूबेदार, सब-डब्ल्यूईडी इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर (विशेष शाखा), प्लाटून कमांडर, सब-इंस्पेक्टर की नियुक्ति के लिए राज्य द्वारा शुरू की गई चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए राहत की मांग की थी। हस्तलेखन विशेषज्ञ, उप-निरीक्षक (प्रश्नांकित दस्तावेज़), सभी श्रेणियों में विज्ञापन दिया गया था।
अवर निरीक्षक और सब-इंस्पेक्टर (रेडियो)। कुल 975 रिक्तियां। कोर्ट द्वारा 23 अगस्त 2023 को पारित आदेश के परिपालन में राज्य द्वारा बंद लिफाफे में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। याचिकाओं के इस समूह में, अधिकांश याचिकाओं में प्रतिवादियों द्वारा उत्तर दाखिल किया जा चुका है। कुछ याचिकाओं में, उत्तर अभी भी प्रतीक्षित है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से यह प्रस्तुत किया गया है कि चूंकि कुछ याचिकाओं में अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया गया है, इसलिए याचिकाओं के त्वरित निपटान की कोई संभावना नहीं है। राज्य की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता संदीप दुबे और संबंधित उत्तरदाताओं की ओर से उपस्थित अन्य वकील याचिकाकर्ताओं की ओर से मांग की है कि जिन याचिकाओं में अभी तक उत्तर दाखिल नहीं किया गया है, उन्हें तीन सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाएगा और फिर मामले की अंतिम सुनवाई हो सकती है।
हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का दिया हवाला
मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ताओं ने दायर की थी। एसएलपी को सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर 2023 के आदेश के तहत पहले ही खारिज कर दिया है। इसलिए, यह प्रस्तुत किया गया है कि अब, भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने वाला कोई आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है।
जवाब पेश करने की दी मोहलत
हाई कोर्ट ने उन याचिकाकर्ताओं को जिन्होंने अब तक जवाब पेश करने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत दी थी।
यह था पूरा विवाद
उल्लेखनीय है कि, एसआई- प्लाटून कमांडर भर्ती के लिए प्रारंभिक एग्जाम लिया गया और मेरिट सूची जारी की गई थी। व्यापम ने मुख्य परीक्षा के पहले ही आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए कैटेगरी वाइज सूची जारी कर दी गई थी। जिसके कारण जनरल कैटेगरी के बहुत से उम्मीदवारों का नाम सूची में नहीं आ सका। व्यावसयिक परीक्षा मंडल की ओर से जारी सूची को चुनौती देते हुए जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों ने अपने-अपने वकील के जरिए हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। केस में उनकी तरफ से सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी, अभिषेक सिन्हा सहित दूसरे वकील ने पैरवी की थी।