रक्षा क्षेत्र में भारत की एक और उपलब्धि, अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण

ओडिशा में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से स्ट्रैटेजिक फोर्स कमान ने परीक्षण किया। सभी लक्ष्यों को भेदने में मिसाइल सक्षम साबित हुआ। सभी मानकों पर खरा उतरा।

रक्षा क्षेत्र में भारत की एक और उपलब्धि, अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण

नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। ओडिशा में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से स्ट्रैटेजिक फोर्स कमान ने एक मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 का ट्रेनिंग लॉन्च सफलतापूर्वक पूरा कर भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह मिसाइल उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। रक्षा मंत्रालय के प्रमुख प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने कहा कि सभी मानकों पर खरे उतरे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 गुरुवार को ओडिशा में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से स्ट्रैटेजिक फोर्स कमान ने लांच किया। बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 बहुत ऊंचाई से लक्ष्य पर मार करने में सक्षम है। अधिकारियों ने कहा कि रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम सहित कई ट्रैकिंग सिस्टम से प्राप्त डेटा का उपयोग करके इसके प्रदर्शन को मान्यता दी गई। 

लक्ष्यों को भेदने में सक्षम

रक्षा के क्षेत्र में भारत के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस मिसाइल की खासियत है कि यह उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है।

सभी पैमानों पर खरा उतरा

मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के प्रमुख प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने कहा कि ट्रेनिंग लॉन्च के दौरान मिसाइल के सभी परिचालन और तकनीकी मानकों को सभी पैमानों पर परखा गया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 700 से 2500 किलोमीटर है। ये मिसाइल 15 मीटर लंबी और 12 तन वजनी है। ये मिसाइल 1000 किलो तक के पारंपरिक परमाणु हथियार और क्लस्टर एम्युनेशन ले जाने में सक्षम है।

‘सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता स्थापित’

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में, भारत ने ओडिशा के तट से ‘अग्नि प्राइम’ बैलिस्टिक मिसाइलों की एक नई जेनरेशन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। रक्षा अधिकारियों ने कहा कि सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया गया और ‘अग्नि प्राइम’ के लगातार तीसरे  परीक्षण ने ‘सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता स्थापित’ की है।

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