सीजी पीएससी में गड़बड़ी : आप ने की सीबीआई जांच की मांग
पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने सीजी पीएससी को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ कान्फरेंस में नाराजगी जाहिर की।
रायपुर, जनजागरुकता डेस्क। आम आदमी पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने सीजीपीएससी में हुई गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा है।इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
आम आदमी पार्टी प्रदेश कार्यालय में प्रवक्ता सूरज उपाध्याय, प्रवक्ता विजय झा और अन्यतम शुक्ला ने सीजीपीएससी अनियमितता मामले में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा कि सीजीपीएससी प्रकरण में हुए घोटाले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए। यह युवाओं को निराश करने वाली घटना है। छत्तीसगढ़ शासन सिविल परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं का भरोसा खो चुकी है।
सरकार की कार्यप्रणाली संदेहास्पद
आप प्रवक्ता विजय ने कहा कि सीजीपीएससी के अध्यक्ष सोनवानी के बेटे का नाम प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में पूरी तरह से सरनेम के साथ उल्लेख किया गया था, लेकिन परिणाम में उसका नाम बिना सरनेम के लिखा गया। सरकार की यह कार्यप्रणाली संदेहास्पद है, यह जांच का विषय है। सीजीपीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र को सीजीपीएससी-2021 की परीक्षा में सातवां स्थान मिला है।
राजनेताओं और नौकरशाहों का बेटा न होना अपराध हो गया
प्रवक्ता शुक्ला ने कहा कि प्रदेश के युवा ऑन कैमरा सबूत दे रहे हैं। इसके बावजूद पता नहीं किस चीज का मुख्यमंत्री इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण से सबसे ज्यादा निराशा उन मेहनती छात्रों को हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार में छत्तीसगढ़ के युवाओं का राजनेताओं और नौकरशाहों का बेटा न होना अपराध हो गया है। लोक सेवा आयोग पैसे वसूल करने वाली कंपनी की तरह काम कर रही है।
सीजी पीएससी ‘कमीशन राज’ को दर्शाता है
सूरज उपाध्याय ने कहा कि पीएससी परिणामों में इस कदर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है कि पीएससी के चेयरमैन और कांग्रेसी नेताओं के करीबियों को मेरिट लिस्ट में जगह दी गई है। इससे होनहार बच्चों को सूची में जगह नहीं मिल पाई है। सीजीपीएससी में अनियमितता और भ्रष्टाचार ‘कमीशन राज’ को दर्शाता है। सीजीपीएससी 2021 की प्रक्रिया तीन साल में पूरी की गई। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 2021 और मुख्य परीक्षा 2022 में हुई थी, जबकि साक्षात्कार का परिणाम इस साल 2023 में जारी किया गया। इससे पता चलता है कि घोटाला कैसे हुआ है।