CGMSC Scam: 8 रुपये की ब्लड सैंपल ट्यूब 2,352 रुपये में खरीदी गई
जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक सीजीएमएससी ने अरबों रुपये की दवाइयां और उपकरण मोक्षित कॉर्पोरेशन और सीबी कॉर्पोरेशन से खरीदे।
छत्तीसगढ़, जनजागरुकता। सीजीएमएससी घोटाले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पाया गया कि ब्लड सैंपल लेने में इस्तेमाल होने वाली ईडीटीए ट्यूब की खरीद में भारी गड़बड़ी की गई। बाजार में महज 8 रुपये में उपलब्ध ट्यूब को 276 गुना अधिक कीमत, यानी 2,352 रुपये प्रति ट्यूब में खरीदा गया।
ईओडब्ल्यू ने घोटाले पर दर्ज की एफआईआर
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने रिएजेंट घोटाले से अलग इस महंगी खरीदी पर भी मामला दर्ज किया है। सीजीएमएससी ने मोक्षित कॉर्पोरेशन से एथिलीन डायमाइन टेट्राएसेटिक एसिड (ईडीटीए) ट्यूब को अत्यधिक कीमत पर खरीदा, जबकि अन्य राज्यों के दवा निगमों ने इसे सिर्फ 8.50 रुपये में खरीदा।
120 करोड़ का नुकसान, अरबों की गड़बड़ी
केवल इस महंगी खरीदी से सरकार को 120 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक सीजीएमएससी ने अरबों रुपये की दवाइयां और उपकरण मोक्षित कॉर्पोरेशन और सीबी कॉर्पोरेशन से खरीदे।
इन कंपनियों पर कार्रवाई
ईओडब्ल्यू ने सीजीएमएससी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मोक्षित कॉर्पोरेशन, रिकॉर्ड्स और मेडिकेयर सिस्टम, श्री शारदा इंडस्ट्रीज, सीबी कॉर्पोरेशन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
बिना बजट मंजूरी के की गई खरीदी
एफआईआर के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग (डीएचएस) ने बिना बजट और प्रशासनिक स्वीकृति के 10 जनवरी 2022 को खरीद का आदेश जारी किया। इसके बावजूद 15 मई 2023 से 17 जून 2023 तक 411 करोड़ रुपये के रिएजेंट खरीदे गए।
जहां लैब नहीं, वहां भी भेजे उपकरण
छत्तीसगढ़ के 915 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 186 केंद्रों में लैब तकनीशियन तक नियुक्त नहीं हैं, फिर भी वहां रिएजेंट और ऑटो एनालाइजर मशीनें भेज दी गईं। जिन स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की सुविधा ही नहीं थी, वहां भी यह उपकरण सप्लाई किए गए।
अनियमितताओं का सिलसिला जारी
इस पूरे घोटाले में शासन की प्रक्रियाओं की अनदेखी कर कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। ईओडब्ल्यू अब इस मामले में आगे की जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।janjaagrukta.com