दिल्ली में कल मतदान, PM Modi त्रिवेणी संगम में करेंगे महाकुंभ का पवित्र स्नान
महाकुंभ मेले की शुरुआत (13 जनवरी) के बाद पहला दौरा होगा। पीएम मोदी इस दिन संगम नगरी के त्रिवेणी संगम घाट पर पवित्र स्नान करेंगे।
दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। कल यानी 5 फरवरी, बुधवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव का दिन होगा। इस दिन दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान होगा, और दिल्ली के मतदाता अपने मतों को EVM में डालेंगे। 8 फरवरी को जब EVM की गिनती होगी, तब यह साफ होगा कि मतदाताओं ने किसे अपना प्रतिनिधि चुना है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 5 फरवरी को प्रयागराज जाने का भी कार्यक्रम है। यह उनका महाकुंभ मेले की शुरुआत (13 जनवरी) के बाद पहला दौरा होगा। पीएम मोदी इस दिन संगम नगरी के त्रिवेणी संगम घाट पर पवित्र स्नान करेंगे।
यह दौरा उस समय हो रहा है जब 29 जनवरी को महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के दौरान भगदड़ मचने से कम से कम 30 लोग मारे गए और 60 लोग घायल हो गए थे।
पीएम मोदी का महाकुंभ दौरा और शेड्यूल
10:05 AM: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे।
10:10 AM: पीएम मोदी DPS हेलीपेड के लिए रवाना होंगे।
10:45 AM: पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से एरियल घाट पहुंचेंगे।
10:50 AM: पीएम मोदी महाकुंभ के लिए नाव पर सवार होंगे।
11:00 AM - 11:30 AM: पीएम मोदी संगम घाट पर पवित्र स्नान करेंगे।
11:45 AM: पीएम मोदी नाव से वापस एरियल घाट पहुंचेंगे और फिर हेलीकॉप्टर से DPS हेलीपैड के लिए उड़ान भरेंगे।
12:30 PM: पीएम मोदी एयरफोर्स के विमान से प्रयागराज से रवाना होंगे।
इस दौरान पीएम मोदी महाकुंभ के आयोजनों का निरीक्षण करेंगे और कुछ साधु-संतों से मुलाकात भी करेंगे।
5 फरवरी का महत्व
जहां दिल्लीवाले 5 फरवरी को लोकतंत्र के इस पर्व में मतदान करेंगे, वहीं इस दिन का धार्मिक महत्व भी खास है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह दिन माघ अष्टमी और भीष्म अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। माघ अष्टमी के दिन श्रद्धालु प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करते हैं और दान-पुण्य करते हैं। यह दिन गुप्त नवरात्रि से भी जुड़ा होता है, जो गहन आध्यात्मिक साधना और भक्ति का समय होता है।
भीष्म अष्टमी
भीष्म पितामह, जिन्हें महाभारत में विशेष स्थान प्राप्त है, की याद में भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। भीष्म पितामह ने अपनी इच्छामृत्यु का चुनाव किया था और सूर्य के उत्तरायण होने पर शुक्ल पक्ष में बाणों की शय्या पर लेटकर मृत्यु को गले लगाया था।janjaagrukta.com