आर्थिक उपलब्धि : नया रिकॉर्ड- विदेशों में कमाई कर अपने देश पैसे भेजने में भारतीय सबसे आगे

शेयर बाजार में आने वाली एफडीआई से तुलना करने पर पता चलता है कि भारतीयों ने अपने देश में शेयर बाजार में आने वाली FDI के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा रकम भेज चुके होंगे।

आर्थिक उपलब्धि : नया रिकॉर्ड- विदेशों में कमाई कर अपने देश पैसे भेजने में भारतीय सबसे आगे

नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। विदेशों से आर्थिक उपलब्धि में भारत ने नया रिकॉर्ड बनाया है। एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि यहां के नागरिक विदेशी धरती पर कमाई कर सबसे अधिक पैसे भारत भेजते हैं। एक अनुमान है कि साल खत्म होने तक भारतीय अपने देश में करीब 100 अरब डॉलर यानी 8 लाख करोड़ रुपए भेज चुके होंगे।

वर्ल्ड बैंक (World Bank) की माइग्रेशन और डेवलपमेंट ब्रीफ के आंकड़ों के अनुसार इस साल देश में विदेशों से आने वाली रकम में 12 फीसदी तक का इजाफा हुआ है।इससे अनुमान है कि साल खत्म होने तक भारतीय अपने देश में करीब 100 अरब डॉलर यानी 8 लाख करोड़ रुपये भेजे चुके होंगे।

इसे समझने शेयर बाजार में एफडीआई से तुलना करने पर..

बता दें कि रिकॉर्ड में ये रकम कितनी बड़ी है इसको समझने के लिए शेयर बाजार में आने वाली एफडीआई से तुलना करने पर पता चलता है कि भारतीयों ने अपने देश में शेयर बाजार में आने वाली एफडीआई के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा रकम भेज चुके होंगे। 

कई साल से लगातार इजाफा

रुपए के मुकाबले डॉलर की कीमत बढ़ने से भी इस साल विदेशों से भेजी जाने वाली रकम में बढ़ोतरी हुई है। विदेशों में रहने वाले भारतीयों द्वारा वापस अपने देश को भेजे जाने वाली रकम में बीते कई साल से लगातार इजाफा हो रहा है। अनुमान है कि आने वाले बरसों में इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है।

भारत बना दुनिया में नंबर- 1

रिकॉर्ड बताता है कि रेमिटेंस रिसीव करने के मामले में भारत अब दुनिया का पहला देश बन गया। इस मामले में भारत ने मेक्सिको, चीन और फिलीपींस को काफी पीछे छोड़ दिया है। डॉलर में विदेशों से रेमिटेंस हासिल करने वाले पांच टॉप देशों में भारत, चीन, मेक्सिको, फिलीपींस और मिस्र शामिल हैं। अगर पिछले साल की बात करें तो चीन और मेक्सिको ने 53-53 अरब डॉलर का रेमिटेंस हासिल किया। वहीं फिलीपींस ने 36 अरब डॉलर और मिस्र ने 33 अरब डॉलर का रेमिटेंस रिसीव किया था।

विदेश जाने में हाई स्किल्‍ड लोगों की संख्‍या बढ़ी

भारत के डॉलर रिजर्व में इन रेमिटेंस की काफी बड़ी भागीदारी होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले भारत से अकुशल श्रमिक कम आमदनी वाले खाड़ी देशों में ज्यादा तादाद में जाते थे, लेकिन अब विदेश जाने वाले भारतीयों में हाई स्किल्‍ड लोगों की संख्‍या बढ़ गई है। ये लोग अमेरिका, इंग्‍लैंड, सिंगापुर, आस्‍ट्रेलिया और न्‍यूजीलैंड जैसे ज्यादा इनकम वाले देशों में जा रहे हैं।

..यहां से भेजी जाने वाली रकम में गिरावट

बता दें कि आर्थिक उपलब्धि के मामले में विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने पिछले साल भारत में लगभग 87 अरब डॉलर भेजे थे, जिसमें सबसे ज्यादा रकम अमेरिका से आई थी। इसके पहले यानी 2020 में लगभग 83 अरब डॉलर की रकम भारतीयों ने अपने देश में भेजी थी। 2016-17 और 2020-21 के बीच 4 साल में अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर से रकम भेजने का हिस्सा 26% से बढ़कर 36% के भी पार निकल गया है। वहीं 5 खाड़ी देशों यानी सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान और कतर से भेजी जाने वाली रकम में गिरावट आई है जो 54 फीसदी से गिरकर 28 फीसदी रह गई है।

अमेरिका से आई सबसे ज्यादा रकम

2020-21 में भारत में विदेशों से जो रकम भेजी गई उसमें अमेरिका सबसे आगे रहा है। अमेरिका ने इस मामले में संयुक्त अरब अमीरात को भी पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान कई लोगों ने ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की जिससे उन्हें ज्यादा कमाई करने का मौका मिला। जब लोगों की कमाई बढ़ गई तो उन्होंने भारत में भी ज्यादा रुपए भेजे।

बढ़ सकता है विदेशी निवेश

विशेषज्ञों के मुताबिक 2022 में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भी इजाफे का अनुमान है। माना जा रहा है कि इस साल ये 100 अरब डॉलर के पार जा सकता है। सरकार को उम्मीद है कि आर्थिक सुधारों और कारोबार के अनुकूल माहौल बनने की वजह से भारत में विदेशी निवेश 100 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर लेगा।

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