रोजगार/मार्गदर्शन : हाईकोर्ट में तृतीय श्रेणी के नियमों में बदलाव
चीफ जस्टिस ने संविधान के अनुच्छेद 229 के खंड (2) की शक्तियों का उपयोग करके नियमों में सुधार किया है।
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बिलासपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में तृतीय श्रेणी के युवाओं के लिए भर्ती और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए पदोन्नति की राह में एक सरलीकृत प्रक्रिया की खबर है। चीफ जस्टिस ने संविधान के अनुच्छेद 229 के खंड (2) की शक्तियों का उपयोग करके नियमों में सुधार किया है।
अब, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी के पदों के लिए पदोन्नति हासिल करने के लिए पांच वर्ष का कार्य अनुभव अनिवार्य है, जो पहले सात वर्ष था। इसके साथ ही, नई भर्ती की प्रक्रिया में लिखित परीक्षा के प्राप्तांक के लिए भी बदलाव हुआ है, जहां अब अंग्रेजी भाषा, कंप्यूटर संचालन, और कंप्यूटर टाइपिंग (अंग्रेजी और हिंदी) के लिए न्यूनतम 35 प्रतिशत प्राप्तांक आवश्यक है, जबकि पहले यह 40 प्रतिशत था।
यदि आप विस्तृत संशोधन आदेश पर ध्यान दें, तो पहली अनुसूची में तृतीय श्रेणी के पदों के लिए प्रत्येक पेपर या विषय में 25 में से 10 नंबर (न्यूनतम 40 प्रतिशत) प्राप्त करना अब आवश्यक है। इसमें अंग्रेजी भाषा, कंप्यूटर संचालन, और कंप्यूटर टाइपिंग (अंग्रेजी और हिंदी) में कुल मिलाकर 100 में से 35 अंक प्राप्त करना भी शामिल है।
चीफ जस्टिस के यह फैसले से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को, जो पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं, एक अच्छा अवसर मिलेगा। पूर्व नियमों के अनुसार, चतुर्थ से तृतीय श्रेणी के पद पर पदोन्नति के लिए सात वर्ष का कार्य अनुभव आवश्यक था, लेकिन नए फैसले में इसे पांच वर्ष कर दिया गया है। इससे पदोन्नति का मार्ग स्पष्ट हो जाएगा और कुशल कर्मचारियों को बेहतर अवसर मिलेगा।