एक अप्रैल से लागू होगी नई विदेश व्यापार नीति
जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान, 2030 तक दो ट्रिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है।
नई दिल्ली, जनजागरुकता, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को विदेश व्यापार नीति 2023 का अनावरण किया। ये नई विदेश व्यापार नीति एक अप्रैल से लागू हो जाएगी। इस दौरान सरकार ने बताया है कि जीडीपी की ग्रोथ सात फीसदी रहने वाली है।सरकार का उद्देश्य ये भी है कि साल 2030 तक निर्यात का ये आंकड़ा दो ट्रिलियन डॉलर से अधिक किया जाए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष 760 से 770 बिलियन डॉलर से अधिक का निर्यात हो सकता है। बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में 25 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ।कोरोना के चलते 2020 के बाद अब जाकर नई विदेश व्यापार नीति लाई गई है। ये नीति अगले पांच साल के लिए होगी।
डीजीएफटी संतोष सारंगी ने कहा कि इस पॉलिसी के जरिए निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। वहीं ओडीओपी के लिए विशेष प्रयोजन किया जाएगा। इसके अलावा ई कॉमर्स, नए एक्सपोर्ट हब तैयार किए जाएंगे।
सबसे खास यह है कि भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। नई विदेश व्यापार नीति में 39 डाऊन आफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस में चार नए शहरों को जोड़ा गया है। इसमें फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर और वाराणसी शामिल है। नई विदेश व्यापार नीति को इंसेंटिव रिजीम से रिमीशन रिजीम की तरफ ले कर जाने का प्रयास किया गया है। लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम के लिए आवेदन शुल्क को 50-60% कम किया गया है। निर्यात को मान्यता के लिए थ्रेशोल्ड को कम किया गया है।
अलग से एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन
कंपिटेटिव और क्वालिटी एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए इन्सेंटिव भी देने का प्रावधान किया गया है। अलग से एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन किया जाएगा। इसके अलावा सेज को अपग्रेड और मोडिफाई कर 'देश' (डेवलपमेंट आफ इंटरप्राइजेस एंड सर्विस हब ) बनाया जाएगा।
प्रथम चरण में 2500 करोड़ की योजना
नई विदेश व्यापार नीति के तहत पहले चरण के लिए 2200-2500 करोड़ की योजना तैयार की गई है। मंत्रालय इसको बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार कर चुका है। हर जिले में एक्सपोर्ट हब बनाया जाएगा। निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से हर जिले में एक्सपोर्ट प्रमोशन कमिटी बनाई गई है।
एमएसएमईएस के विकास में होंगे क्रांतिकारी बदलाव
डीजीएफटी संतोष सारंगी ने कहा कि नई नीति के आने से एमएसएमईएस के विकास में भी क्रांतिकारी बदलाव होंगे। सरकार कई देशों से ट्रेड एग्रीमेंट्स कर रही है। इसके साथ ही दिवाली तक कनाडा के साथ एफटीए की बात की जा रही है। विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए विभाग में कई बदलाव किए जाएंगे। संतोष सारंगी का कहना है कि 2030 तक दो ट्रिलियन डॉलर के निर्यात तक पहुंचने के उद्देश्य के साथ काम किया जाएगा।
पॉलिसी समय के साथ होगी अपडेट
डीजीएफटी संतोष सारंग ने कहा कि इस विदेश व्यापार नीति 2023 को समय-समय पर जरूरत के हिसाब से अपडेट किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि डेयरी क्षेत्र को औसत निर्यात दायित्व बनाए रखने से छूट दी जाएगी। इसके अलावा कपड़ों पर विशेष अग्रिम प्राधिकरण योजना का विस्तार होगा। ई-कॉमर्स निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए भी ये पालिसी कारगर साबित होगी। इसके जरिए मंत्रालय ने 2023 तक 200-300 अरब अमेरिकी डॉलर तक निर्यात बढ़ने की उम्मीद जताई है।