एक ऐसा हवन भी हुआ...महायज्ञ में 11 हजार किलो मिर्ची की आहुति, ना छींक आई ना जलन हुई..
यह आयोजन भक्तों और लोगों की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से किया गया था। गांव और आसपास के क्षेत्रों में इस अनोखे यज्ञ की पूरे दिन चर्चा होती रही।
धमतरी, जनजागरुकता। आमतौर पर रसोई या होटल में जब गर्म तेल में मिर्ची का एक टुकड़ा भी डाला जाता है, तो उसकी तीव्र झार से वहां मौजूद लोगों को छींक आने लगती है। लेकिन धमतरी जिले के ग्राम जीजामगांव में आयोजित तीन दिवसीय बांग्लामुखी महायज्ञ में जब 11 हजार किलो सूखी मिर्ची की आहुति दी गई, तब किसी को छींक तक नहीं आई।
इस अद्भुत महायज्ञ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और नागा साधु शामिल हुए। यह आयोजन भक्तों और लोगों की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से किया गया था। गांव और आसपास के क्षेत्रों में इस अनोखे यज्ञ की पूरे दिन चर्चा होती रही।
गांव में पहली बार हुआ अनोखा महायज्ञ
ग्राम पंचायत जीजामगांव में पहली बार इस तरह का अनोखा महायज्ञ हुआ, जिसमें भक्तों की समस्याओं को दूर करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की गई। नासिक सहित कई राज्यों से आए श्रद्धालु और ग्रामीण इसमें शामिल हुए।
नागा साधुओं द्वारा विशेष हवन
महायज्ञ में नागा साधु और पीठाधीश्वर डॉ. प्रेमा साईं महाराज द्वारा विशेष मंत्रोच्चार के साथ हवन किया गया। 11 हजार किलो सूखी मिर्ची की आहुति दी गई, लेकिन वहां उपस्थित किसी भी व्यक्ति को छींक, खांसी या जलन महसूस नहीं हुई। यह देख सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए।
दिव्य धाम की अद्भुत शक्ति
महायज्ञ में शामिल श्रद्धालुओं ने बताया कि वे अपनी व्यक्तिगत समस्याओं के समाधान और क्षेत्र में सुख-शांति की कामना के साथ यहां आए थे। इस पावन धाम में इतनी शक्ति है कि बड़ी मात्रा में मिर्ची डालने के बावजूद किसी को कोई कष्ट नहीं हुआ।
मां मातंगी के इस दिव्य धाम को इसकी अलौकिक ऊर्जा और चमत्कारी शक्ति के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि इस यज्ञ में आहुति देने वाले भक्तों की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इस महायज्ञ का आयोजन पीठाधीश्वर डॉ. प्रेमा साईं महाराज द्वारा मातंगी दरबार में किया गया।janjaagrukta.com