शीतकालीन सत्र : लाइवलीहुड कॉलेज में डीएमएफ फंड की राशि में बड़ी गड़बड़ी, स्पीकर ने दिए जांच के आदेश
सत्तापक्ष और विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के बीच विस स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने मंत्री को पिछली सरकार के 5 साल के दौरान और वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक खर्च की जांच कराने का निर्देश दिए हैं।
रायपुर, जनजागरुता। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन लाइवलीहुड कॉलेज में ट्रेनिंग के नाम पर डीएमएफ फंड की राशि में गड़बड़ी का मामला गूंजा। पक्ष व विपक्ष की बात सुनने के बाद विस अध्यक्ष चरणदास महंत ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। विपक्ष ने कहा सरकार में आप हैं अब तक जांच क्यों नहीं कराई।
मामले पर सत्तापक्ष और विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के बीच विस स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने मंत्री को पिछली सरकार के 5 साल के दौरान और वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक खर्च की जांच कराने का निर्देश दिए हैं।
सदन पर बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने मामला उठाते हुए सवाल किया कि लाइवलीहुड कॉलेज को 18 करोड़ का भुगतान किया गया। ये राशि का बंदरबाट है। एक व्यक्ति की ट्रेनिंग के लिए दस हजार रुपए खर्च किए गए। 17 हजार 874 लोगों की ट्रेनिंग एक लाइवलीहुड कॉलेज से दी गई। मधुमक्खी पालन, मछलीपालन, जूट उत्पादन, ग्राम सभा विकास प्रशिक्षण जैसी ट्रेनिंग दिलाई गई, लेकिन क्या ट्रेनिंग के बाद उनका रोजगार शुरू हुआ। उनका उत्पाद कहां खरीदा गया। उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने इस पर अलग से जानकारी देने की बात कही।
डीएमएफ की राशि निकाल रोजगार सृजन के नाम पर पैसा दिया
सौरभ सिंह ने कहा कि डीएमएफ की राशि निकालकर रोजगार सृजन के नाम से पैसा दिया गया। कलेक्टर पैसे की गड़बड़ी कर रहे हैं। सरकार पटवारियों के पीछे पड़ी है जबकि कलेक्टरों के पीछे पड़ना चाहिए। इस पर मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि प्रशिक्षण में किसी तरह की अनियमितता की जानकारी है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशिक्षण के लिए 52 लाख जारी, गंभीर मामला
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने चर्चा में शामिल होते हुए कहा सिर्फ मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण के लिए 52 लाख रुपए खर्च कर दिए गए। 29-30 जून को ही 30 करोड़ रुपए के काम जारी कर दिए गए, ये गंभीर मामला है। सदन की कमेटी से जांच करा दी जाए। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि एक जिले में 30 करोड़ रुपए तक का काम डीएमएफ के जरिए कलेक्टर कर रहे हैं।
अगर प्रदेश भर में जांच हो तो निकलेगा बड़ा मामला
उन्होंने आरोप लगाया कि पचास फीसदी तक कमीशन डीएमएफ में लिए जा रहे हैं। पूरे प्रदेश भर में इसकी ठीक से जांच कराई जाए तो ये लगभग एक हजार करोड़ का बड़ा घोटाला निकलेगा। इसकी जांच सदन की कमेटी से कराई जानी चाहिए। मंत्री पटेल ने कहा कि पिछली सरकार में मुख्यमंत्री कौशल विकास और प्रधानमंत्री कौशल विकास में सिर्फ भ्रष्टाचार किया गया।
सरकार आपकी, जांच क्यों नहीं कराई
प्रशिक्षण केंद्र एक कमरे में चलता था। अजय चंद्राकर ने इस पर कहा कि सरकार में आप बैठे हैं। जांच क्यों नहीं कराई। दोनों मामलों की जांच करा लें। इस पर स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने मंत्री को निर्देश दिया कि पिछली सरकार के 5 साल में प्रशिक्षण के नाम पर हुए खर्च और इस सरकार में अब तक हुए खर्च की जांच कराई जाए।