Loksabha Election : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रखते हुए संगठनात्मक तैयारियों में जुट गई भाजपा, मोर्चा-प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों की हो रही बैठकें
रायपुर, जनजागरुकता: भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठनात्मक तैयारियों में जुट गई है। इस लिहाज से पार्टी सहित सभी मोर्चा-प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों की बैठकें हो रही हैं और प्रदेश की सभी 11 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य अर्जित करने की दृष्टि से दायित्व सौंपे जा रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने लोकसभा चुनाव की तैयारी व कार्यक्रम क्रियान्वयन हेतु समितियों का गठन किया है जिनके माध्यम से छत्तीसगढ़ के जिन विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी को विजय प्राप्त नहीं हुई, उन स्थानों पर लोकसभा चुनाव में पार्टी की बढ़त बनाने की कार्य योजना भी तय की गई है।
पार्टी नव सदस्यता अभियान समिति : संयोजक अजय चंद्राकर, सह संयोजक रामसेवक पैंकरा, प्रदीप गांधी व महेश गागड़ा। महिला स्व-सहायता समूह और गैर सरकारी संस्था संपर्क अभियान समिति : संयोजक प्रबलप्रताप सिंह जूदेव, सह संयोजक श्रीमती शालिनी राजपूत, श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, श्रीमती भावना बोहरा व किशोर महानंद।
दीवार लेखन और होर्डिंग्स समिति : संयोजक अनुराग सिंहदेव, सह संयोजक अमित साहू, विक्रांत सिंह, रितेश गुप्ता, टिकेश्वर जैन व उपकार चंद्राकर।
गांव चलो अभियान समिति : संयोजक नारायण चंदेल, सह संयोजक मोतीलाल साहू, श्रीमती गोमती साय व भरत मटियार।
श्री राम मंदिर दर्शन समिति : संयोजक धरमलाल कौशिक, सह संयोजक श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, वीरेंद्र श्रीवास्तव, डॉ. ललित मखीजा व रामलखन पैंकरा। बूथ सशक्तीकरण अभियान : संयोजक संजय श्रीवास्तव, सह संयोजक अवधेश चंदेल। पीएम विश्वकर्मा योजना समिति : संयोजक पी. विश्वनाथन सह संयोजक प्रदीप सिंह व पुरुषोत्तम देवांगन।
भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नवीन, चुनाव सह प्रभारी डॉ. मनसुख मांडविया, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जमवाल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय पार्टी पदाधिकारियों, नेताओं व कार्यकर्ताओं का सतत मार्गदर्शन कर रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव की दृष्टि से और नियमित रूप से जो कार्य योजना रहती है, उन योजनाओं को लेकर नीचे तक जाकर मंडल स्तर तक के कार्यों को संपादित करने पर बल दिया जाएगा। बूथ कमेटियों के कार्यकर्ताओं को चुनाव की दृष्टि से मोर्चावार अब अलग-अलग वर्ग और समाजों के बीच में जाकर कार्य करना है।