कलेक्टर के निर्देश के बाद भी सौंदर्यीकरण के नाम पर आक्सीजोन के कांक्रीटीकरण पर रोक नहीं
अन्य कई स्थानों पर भी कांक्रीटीकरण को बढावा दिया जा रहा है। इससे प्राकृतिक हरियाली प्रभावित हो रही है।
रायपुर, जनजागरुकता। रायपुर शहर में आक्सीजोन के सौंदर्यीकरण के नाम पर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड एवं नगर निगम रायपुर द्वारा ऑक्सीजन में जगह-जगह कांक्रीटीकरण किया जा रहा है। यहां गार्डन के अंदर घेरेबंदी कर सीता गार्डन बानाया जा रहा है। खुले जिम परिसर को भी कांक्रीट कर दिया गया है। पुराने जिम एरिया को भी कांक्रीट कर दिया गया है। हनुमान मंदिर के सामने भी पाथवे बिछाई गई है। पोखर भी गन्दा हो गया है। उसकी सफाई की बजाय उसका सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। अन्य कई स्थानों पर भी कांक्रीटीकरण को बढावा दिया जा रहा है। इससे प्राकृतिक हरियाली प्रभावित हो रही है।
यहां मार्निंग वाक करने वालों की शिकायत पर पिछले दिनों कलेक्टर डॉ. गौरव सिंंह ने आक्सीजोन का आकस्मिक निरीक्षण कर कम से कम कांक्रीटीकरण करने की हिदायत दी थी लेकिन कलेक्टरके निर्देश को नजरांदाज करते हुए अभी भी कांक्रीटीकरण का काम जारी है। हालाकि यहां के खस्ताहाल टायलेट का मरम्मत शुरु हो गया है। यहां पहुंचे क्षेत्रीय विधायक पुरंदर मिश्रा ने भी मार्निंग वाक करने वालों की शिकायत पर इसे गंभीरता से लिया था।
मार्निंग वाक करने वालों की मानें तो शहर के बीच बने ऑक्सीजोन में लोगों को मिलने वाली सुविधाओं का बुरा हाल है। टायलेट से लेकर गार्डनिंग की व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। यहां व्यवस्था संभालने के लिए नगर निगम ने हर महीने दो लाख रुपये खर्च करने की योजना बनाई थी । माली समेत सफाई कर्मी और सुरक्षा गार्ड मिलाकर 25 कर्मचारी ऑक्सीजोन में तैनात करने की योजना भी कागजों में है।
बता दें 19 एकड़ में फैले ऑक्सीजोन से लोगों को हराभरा माहौल देने के लिए वन विकास निगम ने व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी नगर निगम रायपुर को दी है। पूरे इलाके में फलदार व सजावटी वृक्ष लगाए गए हैं, मेंटेनेंस के अभाव में पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचा है। साथ ही में लोगों की सुविधाओं के लिए बनाए गए पीने के पानी का सिस्टम गड़बड़ा चुका है। रायपुर के पूर्व कलेक्टर और अब मंत्री ओपी चौधरी के कॉन्सेप्ट पर काम हुआ था
रायपुर कलेक्टर दफ्तर के पिछले हिस्से में पूर्व की भाजपा सरकार के वक्त बनाया गया यह प्रोजेक्ट था। रायपुर के पूर्व कलेक्टर और अब मंत्री ओपी चौधरी ने इस कॉन्सेप्ट पर काम किया था। यहां 5 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे हैं। लोग यहां टहल सकते हैं, कसरत कर सकते हैं। फाउंटेन, छोटे वॉटर एरिया भी यहां मौजूद हैं। शहर के बीचों-बीच 19 एकड़ में फैले ऑक्सीजोन से शहर की हरियाली बढ़ी है।