भारतीय राजनीति के रत्न…
आजाद देश में भी खुद के नागरिक अलंकरण पुरस्कार की शुरुवात 1954 से हुई।
जनजागरुकता डेस्क। भारत रत्नों की संख्या में इस साल 5 व्यक्तियों कर्पूरी ठाकुर, लाल कृष्ण आडवाणी, पीवी नरसिंहराव, और चौधरी चरण सिंह के नाम का इजाफा हो गया। आमतौर पर 1 साल में अधिकतम 3 व्यक्तियों को भारत रत्न देने की परंपरा रही है। अनेक वर्षों में भारत रत्न नही बने तो ये भी सही।
किसी देश में अति उत्कृष्ट अनुकरणीय कार्य के लिए सम्मान देने की परंपरा हर देश में है, सो हमारे देश क्यों पीछे रहता। 1947 से पहले अंग्रेज सरकार नाइटहुड, राय बहादुर, सर, आदि उपाधि देकर भारतीय नागरिकों को सम्मानित किया करती थी। आजाद देश में भी खुद के नागरिक अलंकरण पुरस्कार की शुरुवात 1954 से हुई। इसमें भारत रत्न सर्वाधिक प्रतिष्ठित सम्मान है जो मानव सेवा के किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा या उच्चतम क्रम के प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। ये माना जाता है कि किसी व्यक्ति को मिला सम्मान अनुकरण के लिए प्रेरणास्पद होता है।
140 करोड़ की आबादी में अब तक केवल 54 व्यक्तियों को भारत रत्न पुरस्कार मिलना ये तय करता है की भारत रत्न मिलना बहुत ही दुश्कर ही नहीं असंभव सा कार्य है। मैने पिछले 20 साल से देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि तीन व्यक्ति हरित क्रांति के जन्मदाता डा स्वामीनाथन, श्वेत क्रांति के प्रवर्तक वर्गीस कुरियन और हॉकी के जादूगर ध्यानचंद वास्तविक रूप से भारत रत्न के हकदार है। डा स्वामीनाथन को मरणोपरांत दिया गया। किसी व्यक्ति के देहावसान के बाद सम्मान दिए जाने से वह व्यक्ति तो जान ही नही पाया, ये बात पीड़ादायक है।
54 भारत रत्न सम्मान में से 23 व्यक्ति राजनीति से आए है
भारत रत्न दिए जाने के लिए कार्य क्षेत्र में राजनीति नही है, सार्वजनिकसेवा है, कला है, साहित्य है, विज्ञान है और सचिन तेंदुलकर को देने के लिए खेल सबसे अंत में जुड़ा है जिसका लाभ मेजर ध्यान चंद को अब तक नहीं मिला है। 54 भारत रत्न सम्मान में से 23 व्यक्ति राजनीति से आए है। 31 भारत रत्न समाज सेवा, अर्थ शास्त्र, विज्ञान, कला और खेल के क्षेत्र से दिया गया है लेकिन अब तक दिए गए है।
भारत में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, केनिनेट मंत्री सहित राज्यों के मुख्यमंत्री के पद राजनीति के पर्याय माने जाते है। देश के अधिकांश राष्ट्रपति राज्य या केंद्र की राजनीति से आए है। बात *भारत रत्नों की हो रही है तो जिन 6 राष्ट्रपतियो को भारत रत्न मिला है उनमें राधाकृष्णन और ए पी जे कलाम साहब को छोड़ कर डा राजेंद्र प्रसाद, जाकिर हुसैन, वी वी गिरी और प्रणव मुखर्जी राजनैतिक पार्टी के संगठन अथवा सत्ता में महत्वपूर्ण पद पर रहे है।
भारत के 8 प्रधान मंत्रियों को मिला है भारत रत्न
देश का प्रधान मंत्री तो विशुद्ध रूप से सक्रिय राजनीति का चरम पद माना जाता है। लोकसभा में जिस व्यक्ति को बहुमत संख्या 272 से एक अधिक संख्या का समर्थन प्राप्त होता है वह प्रधान मंत्री बनता है। भारत के 14 प्रधान मंत्रियों में से 8 प्रधान मंत्रियों को भारत रत्न मिला है। पंडित जवाहरलाल नेहरु, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मोरार जी देसाई, अटल बिहारी वाजपेई और अब चौधरी चरण सिंह और पी वी नरसिम्हा राव भारत रत्न बने है। केवल पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी दो ऐसे प्रधान मंत्री रहे जिन्होंने पद पर रहते हुए भारत रत्न बने। जबकि प्रधान मंत्री ही चयन समिति का प्रमुख हुआ करते है। एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री गुजरारी लाल नंदा को भारत रत्न मिला है।
दो उप प्रधानमंत्री भी है भारत रत्न
भारत रत्न बनने वाले दो उप प्रधानमंत्री भी है। सरदार वल्लभ भाई पटेल और इस साल लाल कृष्ण आडवानी को भारत रत्न मिला है। दो केंद्रीय मंत्री को भी भारत रत्न बनाया गया है। ये भीम राव अंबेडकर और सी सुब्रह्मण्यम है। राज्यो के 7 मुख्यमंत्री भारत रत्न बने है। सी. राजगोपालाचारी (मद्रास) गोविंद वल्लभ पंत (उत्तर प्रदेश) विधान चंद्र राय (पश्चिम बंगाल) के कामराज (मद्रास) एम जी रामचंद्रन (तमिलनाडु) गोपीनाथ बोरदोलोई (आसाम) कर्पूरी ठाकुर (बिहार) है।
इन्होने समाज के वास्तविक स्वरूप को बदलने की कोशिश की
सार्वजनिक सेवा, भारत रत्न देने का प्रमुख कारण है इसे राजनीति से परे क्षेत्र माना जाए तो श्रेयस्कर होगा क्योकि इस क्षेत्र के लोगो में जय प्रकाश नारायण को छोड़ दे तो विशुद्ध रूप से जनसेवा करने वाले रहे है। भगवान दास, धोंडो केशव कर्वे, मदर टेरेसा, विनोबा भावे, अरुणा आसफ अली, नाना जी देशमुख, और मदन मोहन मालवीय को माना जा सकता है कि उन्होंने समाज के वास्तविक स्वरूप को बदलने की कोशिश की।
विज्ञान, कला, साहित्य के क्षेत्र में इन्हें मिला भारत रत्न
विज्ञान क्षेत्र से चंद्रशेखर वेंकटरमन, ए पी जे कलाम, और सी एस आर राव को भारत रत्न मिला है। कलाम साहब भारत रत्न बनने के बाद राष्ट्रपति बने थे। कला के क्षेत्र से सत्यजीत रे, एम एस सुब्बुलक्ष्मी, रविशंकर,लता मंगेशकर, बिस्मिल्लाह खान, भीमसेन जोशी और भूपेन हजारिका को भारत रत्न सम्मान मिला है। साहित्य के क्षेत्र से इकलौता भारत रत्न सम्मान पांडुरंग काणे को धर्म शास्त्र के इतिहास विषय पर मिला है। अर्थ शास्त्र के लिए भारत रत्न सम्मान अमर्त्य सेन को मिला है। उद्योग क्षेत्र से जे आर डी टाटा भारत रत्न सम्मान से सम्मानित हुए है।
सचिन तेंदुलकर को मिला भारत रत्न
*खेल भारत रत्न देने वाले क्षेत्र में शामिल होने वाला सबसे नवीनतम विषय है। खेल को 2012से भारत रत्न दिए जाने विषय में शामिल करने का रोचक मामला है। 16 नवंबर 2013 को सचिन तेंदुलकर ने अपना 200वा टेस्ट खेल कर संन्यास लिया और उसी दिन उनको भारत रत्न मिल गया। ये सम्मान मिलने देने के लिए सारे कायदे कानून ताक में रखे गए थे। कृषि के क्षेत्र में डा स्वामी नाथन को इस बार बहुत देर बाद सम्मान मिला है।
दो विदेशी व्यक्ति नेल्सन मंडेला और सीमांत गांधी माने जाने वाले खान अब्दुल गफ्फार खान को भारत रत्न से भी सम्मानित हुए है। इस सूची में दो व्यक्ति वर्गीस कुरियन और ध्यान चंद का होना एक कसक है।