मतस्य विभाग में करोड़ों का घोटाला, जानिए पूरा मामला..
राजनांदगांव में मछली पालन के लिए अपने ही करीबियों के नाम पर करोड़ों के केज आबंटन कर शासन की योजनाओं से मिलने वाली सब्सिडी पर भ्रष्टाचार किए जाने का मामला सामने आया है।
रायपुर, जनजागरुकता। मछली पालन विभाग राजनांदगांव में मछली पालन के लिए अपने ही करीबियों के नाम पर करोड़ों के केज आबंटन कर शासन की योजनाओं से मिलने वाली सब्सिडी पर भ्रष्टाचार किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। पूरे मामले में शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है। संचालनालय के अफसर इस फर्जीवाड़े की जांच कर रहे है। माना जा रहा है कि इस तरह के घोटाले प्रदेश के अन्य जिलों में भी होने की आशंका है।
राजनांदगांव मछली पालन विभाग में पदस्थ तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिए ने अपने कार्यालय में ही पदस्थ कर्मी की नाबालिग बेटी, अपनी ननद, वाहन चालक की मां और एक अन्य आदिवासी व्यक्ति के नाम पर लाखों का केज का आबंटन कराया। यह केज खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के नवागांव स्थित सिंचाई जलाशय में लगाए गए हैं। प्रत्येक यूनिट में 18 केज शामिल हैं। इस तरह यहां कुल 72 केज लगाए गए हैं।
बताया गया है कि इन 4 यूनिट केज में से प्रत्येक की कीमत 56 लाख है। इसमें लाभार्थियों को प्रत्येक केज के लिए शत प्रतिशत सब्सिडी दी गई है। इसमें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से 60 प्रतिशत और लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिस्म डिवीजन से 40 प्रतिशत यानी कुल 100 प्रतिशत आर्थिक सहायता मिली है। इस तरह संयुक्त संचालक कार्यालय के अधिकारियों ने बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम देते हुए दो करोड़ 24 लाख रुपए के केज अपने रिश्तेदार और विभाग में पदस्थ कर्मियों के रिश्तेदारों के नाम पर आबंटित करा लिए।