अब श्रमिक के बच्चे मजदूर नहीं रहेंगे, उन्हें भी छूना है आसमान
श्रमिकों के बच्चों ने बनायी अंतरराष्ट्रीय पहचान, भारतीय साफ्ट बाल टीम में राज्य के तीन युवा शामिल रहे।
रायपुर, जनजागरुकता। कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों। कवि दुष्यंत कुमार की ये कविता आज छत्तीसगढ़ के उन युवाओं के लिए बिल्कुल सटीक बैठती है जो ऐसे समाज से आते हैं जो शायद ही कभी बड़े सपने देखते हों। ऐसे ही समाज और परिवार को आगे बढ़ाने का जिम्मा लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल श्रमिक हितों में लगातार काम कर रहे हैं। रायपुर के रहने वाले निखिल नायक, बीरू बाग और किशन महानंद रायपुर की झुग्गियों से निकलकर कनाडा और हांगकांग में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। ये तीनों पिछले चार वर्षों से इंडियन साफ्ट बाल टीम के सदस्य हैं और अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना जलवा बिखेर रहे हैं।
श्रमिकों के बच्चों ने बनायी अंतरराष्ट्रीय पहचान
विगत चार वर्षों से छत्तीसगढ़ में श्रमिक हितों में मुख्यमंत्री ने अनेक योजनाएं शुरू की हैं जिनका लाभ लेकर अब श्रमिकों के बच्चे भी आसमान छू रहे हैं। ऐसे ही श्रमिक परिवारों के तीन होनहार सितारे छत्तीसगढ़ के झुग्गी झोपड़ी से निकलकर अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आसमान की बुलंदियों को छू रहे हैं।
निखिल, बीरू, किशन ने हासिल किए 7 गोल्ड मेडल
रायपुर के रहने वाले निखिल नायक, बीरू बाग और किशन महानंद रायपुर की झुग्गियों से निकलकर कनाडा और हांगकांग में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। ये तीनों पिछले चार वर्षों से इंडियन साफ्ट बाल टीम के सदस्य हैं। छत्तीसगढ़ के लिए खेलते हुए इन तीनों ने अब तक सात गोल्ड मेडल हासिल किए हैं।
अब मजदूर के बच्चे मजदूर नहीं रहेंगे
निखिल नायक के पिता विनोद नायक, बीरू बाग के पिता घनवर बाग और किशन महानंद के पिता भगवान दास दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं। चार साल पहले तक इनके मन में गलती से भी ये खयाल नहीं आता था कि ये अपने बच्चों को भी मजदूरी के अलावा कुछ और करते देख सकते हैं। लेकिन सीएम बघेल ने असंगठिक श्रमिकों से वायदा किया था कि अब मजदूर के बच्चे मजदूर नहीं रहेंगे और इस वायदे को उन्होंने निभाया और श्रमिकों के कल्याण के लिए योजनाएं शुरू कर उनके लिए आर्थिक सशक्तिकरण के द्वार खोले। इसी का परिणाम था कि ये तीन होनहार युवा कुछ अलग करने की दिशा में आगे बढ़े और आज रायपुर की तंग गलियों से निकलकर देश और विदेश में छत्तीसगढ़ का परचम लहरा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं युवा
छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करने के लिए मुख्यमंत्री ने इन होनहार खिलाड़ियों को उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 50-50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की है। इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।