आंधी ने मचाई तबाही.. विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर महालोक की मूर्तियां टूटी..
इस दौरान हवा की गति इतनी तेज थी कि चंद मिनटों में सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए। इससे शहर में जनजीवन अस्त-व्यवस्त हो गया।
उज्जैन, जनजागरुकता। नवतपे के चौथे दिन रविवार को मध्य प्रदेश में प्रकृति ने कहर बरपाया है। दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और गरज, चमक के साथ तेज आंधी चलने लगी। इस दौरान हवा की गति इतनी तेज थी कि चंद मिनटों में सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए। इससे शहर में जनजीवन अस्त-व्यवस्त हो गया।
वहीं विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर, देवास रोड, दशहरा मैदान, फ्रीगंज, खाकचौक, जैसे क्षेत्रों में पेड़ उखड़कर गिर गए। इससे बड़ा नुकसान हुआ है।
जानकारी के मुताबिक महाकाल महालोक में सप्तऋषि की 7 में से छह मूर्तियां गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। यहां कुल 127 मूर्तियां लगाई गई हैं। यहां की 40 मूर्तियां लाल पत्थर और अन्य प्रतिमाएं फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से निर्मित हैं। इनकी ऊंचाई 9 से 25 फीट है। नीचे गिरी मूर्तियों को क्रेन की मदद से उठाया गया।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने करीब 800 करोड़ की लागत से श्री महाकाल महालोक का निर्माण कराया था। 11 अक्टूबर को पीएम नरेन्द्र मोदी ने इसका लोकार्पण किए थे। बताया गया कि सुबह सांदीपनि आश्रम के सामने पेड़ गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हुई है। महाकाल मंदिर के पास पेड़ मकान पर धराशाई हो गया। वहीं अंचल के नागदा आदि क्षेत्रों में भी आंधी से खासा नुकसान हुआ है।
बाल-बाल बचे लोग, पेड़ गिरा
बताया गया कि घटना के दौरान श्रद्धालु मूर्तियों के समीप नहीं थे, इस कारण हादसा टल गया। महाकाल महालोक में कुल 127 मूर्तियां लगाई गई हैं। भारी होने के वजह से टूटी मूर्तियों को क्रेन की मदद से उठाया गया। वहीं महाकाल मंदिर के पास विशाल बरगद का पेड़ गिर जाने से दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। मंदिर के अतिरिक्त शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पेड़ गिरे। घरों की चद्दरें उड़ गई। अंचल के नागदा आदि क्षेत्रों में भी आंधी से खासा नुकसान हुआ है।
मूर्तियों की गुणवत्ता पर सवाल उठे थे
बता दें कि राज्य सरकार ने 800 करोड़ की लागत से श्री महाकाल महालोक का निर्माण कराया था। 11 अक्टूबर को पीएम नरेन्द्र मोदी ने इसका लोकार्पण किया था। इसके बाद से देशभर से बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन निहारने जाते हैं। निर्माण के बाद से ही मूर्तियों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। रविवार तेज आंधी ने इसकी गुणवत्ता की पोल खोल दी है।
देश-विदेश से पहुंचते हैं लोग
जानकारी अनुसार अब भी देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का उज्जैन आने का सिलसिला जारी है। श्रद्धालु महाकाल अभिषेक और दर्शन के साथ ही महाकाल लोक का नजारा देखने पहुंच रहे हैं। घटना के बाद से अधिकारियों के अनुसार मूर्तियों की स्थिति सुधारने तक फिलहाल श्रद्धालुओं का महालोक में प्रवेश बंद कर दिया गया है।
कंपनी को ही करना है रख-रखाव
घटना पर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का कहना है कि कंपनी को ही इनका रखरखाव करना है। क्रेन की मदद से मूर्तियों को दोबारा लगवाया जाएगा। घटना के लिए जिम्मेदारी तय कर एक्शन लिया जाएगा। फिलहाल मूर्तियों को पुनरस्थापित करने के लिए महाकाल लोक को बंद किया गया है।
संबंधित एजेंसी द्वारा फिर स्थापित की जाएंगी
मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि उज्जैन एवं आसपास के क्षेत्र में आंधी से प्राकृतिक आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। जिसमें उज्जैन और नागदा में दो लोगों की मौत हो गई और 3 लोग घायल हुए हैं। 50 पेड़ और बहुत से बिजली के खंभे उखड़ गए। महाकाल लोक की 155 प्रतिमाओं में से तीन खंडित हुई हैं। ये सभी संबंधित एजेंसी द्वारा स्थापित की जाएंगी।