सूडान जंग.. भूख-प्यास से अनाथालय के 60 बच्चों की गई जान

यहां मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है।

सूडान जंग.. भूख-प्यास से अनाथालय के 60 बच्चों की गई जान

खार्तूम, जनजागरुकता डेस्क। सूडान में लड़ाई के चलते सप्लाई चेन ठप हो गई है। 2 महीने से खाद्य सामग्रियों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। इस वजह से लोग भोजन के लिए तरस रहे हैं। इस कारण से वहां के अनाथालय के 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई है।

बता दें कि सूडान की राजधानी खार्तूम में आर्मी और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच जंग छिड़ी हुई है जो 2 महीने से अधिक समय हो गया है। इस वजह से म्योगमा नामक अनाथालय में खाद्य सामग्रियों के अलावा बच्चों की अन्य चीजें नहीं पहुंच पा रही है। इस कारण भूख-प्यास से 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई। 26 बच्चों की जान 2 हफ्तों के अंदर हुई है।

एक न्यूज एजेंसी के अनुसार इस जंग के कारण आमजन खासे परेशान हैं। सप्लाई चेन ठप होने से लोगों को भोजन के लिए तरसना पड़ रहा है। अनाथालय के कर्मचारियों ने मरते बच्चों की वीडियो बनाकर मदद की गुहार लगाई है। वीडियो में नवजात बच्चों के शव सफेद कपड़ों में लिपटा दिखाया गया है।

ऐसी स्थिति बन गई है वहां

सूडान में रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार इस लड़ाई से परेशान लोग और केयर सेंटर बच्चों को अनाथालय में छोड़ रहे हैं। जंग शुरू होने के बाद से म्योगमा अनाथालय में 400 बच्चे हैं। जबकि उनकी देखभाल करने के लिए सिर्फ 20 कर्मचारी हैं। वहां के डॉक्टरों का कहना है कि नवजात बच्चों को हर 3 घंटे में खाना देने की जरूरत है, लेकिन उनके पास लोग नहीं है। बच्चों को बुखार और डिहाईड्रेशन भी हो रहा है।

लोग दहशत में जी रहे हैं

म्योगमा के लिए काम करने वाले एक डॉक्टर के अनुसार वहां प्रतिदिन बच्चों की मौत हो रही है। उन्हें बचाने के लिए लोगों से ऑनलाइन अपील की जा रही है। पर इसका असर नहीं दिख रहा है। पूरा खार्तूम मिलिट्री जोन में बदल चुका है। लोग दहशत में जी रहे हैं। कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा है। काम करने वाले एक वॉलेंटियर अफकार ओमर मुस्तफा ने हालातों को बहुत नाजुक बताया है।

आर्मी और न पैरामिलिट्री फोर्स पीछे हटना चाहता है, 700 की मौत

जानकारी अनुसार 15 अप्रैल से जारी संघर्ष में आर्मी के जनरल अब्देल फतह बुरहान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वहीं पैरामिलिट्री फोर्स के कमांडर जनरल मुहम्मज हमदान भी अड़े हुए हैं। कई बार सीजफायर का ऐलान हुआ पर दोनों के बीच विवाद का हल नहीं निकल पाया। इस लड़ाई में 700 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 190 बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, 13 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं।

इस कारण से जंग

यहां मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई है। 2019 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटाने के लिए लोगों ने प्रदर्शन किया। अप्रैल 2019 में सेना ने राष्ट्रपति को हटाकर देश में तख्तापलट कर दिया, लेकिन इसके बाद लोग लोकतांत्रिक शासन और सरकार में अपनी भूमिका की मांग करने लगे। इसके बाद सूडान में एक जॉइंट सरकार का गठन हुआ, जिसमें देश के नागरिक और मिलिट्री दोनों का रोल था। 2021 में यहां दोबारा तख्तापलट हुआ और सूडान में मिलिट्री रूल शुरू हो गया। वहीं आर्मी चीफ जनरल अब्देल राष्ट्रपति और आरएसएफ लीडर मोहम्मद हमदान उपराष्ट्रपति बन गए। इसके बाद से आरएसएफ और सेना के बीच संघर्ष जारी है। सिविलियन रूल लागू करने की डील को लेकर मिलिट्री और आरएसएफ आमने-सामने हैं।

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