ईवी को बढ़ावा देने पेट्रोल वाहनों पर सरकार से ज्यादा टैक्स की मांग
ईवी सब्सिडी में कटौती की जा रही है, जिसकी वजह से ईवी की बिक्री में गिरावट की आशंका है।
नई दिल्ली, कारोबार/ऑटो डेस्क। इस महीने से ईवी सब्सिडी में कटौती की जा रही है, जिसकी वजह से ईवी की बिक्री में गिरावट की आशंका है, जिसे ग्रीन टैक्स युक्तिसंगत बनाएगा। एसएमईवी ने सरकार से मांग की है कि ईवी को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोल वाहनों पर ज्यादा टैक्स लगाया जाए।
जानकारी अनुसार भारी उद्योग मंत्रालय ने इस महीने से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी कम कर दी है, इस वजह से ईवी की कीमतें बढ़ाई गई है। इन वाहनों के लिए इंसेंटिव की सीमा वाहनों के एक्स-फैक्ट्री कीमत के 40 प्रतिशत से घटकर 15 प्रतिशत हो गई है।
मामले पर इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग संगठन (सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) SMEV ने मामले पर तर्क दिया है कि ईवी अपनाने लोगों को प्रोत्साहित करने और कच्चे तेल के आयात से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद करने के लिए आईसीई (इंटरनल कंब्शन इंजन) वाले स्कूटर, बाइक पर अतिरिक्त ग्रीन टैक्स लगाने की बात कही है।
ऐसा करने से फेम योजना को पटरी पर लाने मदद मिलेगी
एसएमईवी के अनुसार इस महीने से ईवी सब्सिडी में कटौती की जा रही है, जिसकी वजह से ईवी की बिक्री में गिरावट आ सकती है। मामले पर उनका मानना है कि जिसे ग्रीन टैक्स युक्तिसंगत बनाएगा। आगे कहा है कि पारंपरिक प्रदूषण फैलाने वाले आईसीई दोपहिया वाहनों पर टैक्स में 100 बेसिस पॉइन्ट्स तक की बढ़ोतरी से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी की फंडिंग और फेम योजना को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।
इससे देश को फायदा होगा
मामले पर एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल के अनुसार अब समय आ गया है कि ईवी क्षेत्र को आईसीई वाहनों के बराबर प्रतिस्पर्धा की अनुमति हो। इसमें सबसे बड़ी बाधा ओनरशिप की लागत है क्योंकि भारतीय बाजार में कीमत बहुत मायने रखता है। गिल के अनुसार "आईसीई वाहनों पर अतिरिक्त ग्रीन टैक्सिंग न सिर्फ ईवी और आईसीई को समान स्तर पर लाएगी, वहीं बड़े ओईएम को विश्वास और दीर्घकालिक नजरिये के साथ ईवी बाजार में एंट्री करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उनका मानना है कि जिससे देश को फायदा होगा।"
इंडिया स्कीम 2024 तक
जानकारी दी गई कि फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स (फेम) (FAME) इंडिया स्कीम 1 अप्रैल, 2019 को तीन साल की अवधि के लिए शुरू हुई थी, जिसे 31 मार्च, 2024 तक दो साल के लिए और बढ़ा दिया गया था।