रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध नहीं शांति के पक्ष में भारत- पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिका यात्रा से पहले कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बेहद जरूरी है। भारत और अमेरिका के बीच संबंध अधिक मजबूत और गहरे हैं।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत और गहरे हैं। दोनों देशों के नेताओं के बीच 'अभूतपूर्व विश्वास' है। लेकिन चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बेहद जरूरी हैं। यह भी कहा, 'भारत कहीं उच्च, गहरी और व्यापक स्तर की भूमिका का हकदार है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर भारत की भूमिका की आलोचना से जुड़े एक सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत इस मामले में तटस्थ नहीं है बल्कि शांति के पक्ष में है।
पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर रवाना होने से पहले अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वैश्विक राजनीति और संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका की चर्चा करते हुए मोदी ने यह भी कहा, 'भारत कहीं उच्च, गहरी और व्यापक स्तर की भूमिका का हकदार है।’’
संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्थाओं में बदलाव जरुरी
उन्होंने कहा, ‘‘प्रमुख संस्थानों की सदस्यता को देखिए। क्या यह वास्तव में लोकतांत्रिक मूल्यों की आवाज का प्रतिनिधित्व करते हैं? अफ्रीका जैसी जगह.. क्या इसकी कोई आवाज है? भारत की इतनी बड़ी आबादी है और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थान है, लेकिन क्या यह मौजूद है?’’ संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्थाओं को बदलना चाहिए।
भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध
भारत-चीन संबंधों पर उन्होने ने कहा, ‘‘सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता जरूरी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में हमारा मूल विश्वास है। साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है।’’
सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना चाहिए
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं। लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम शांति के पक्ष में हैं। दुनिया को पूरा विश्वास है कि भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता शांति है।’’उन्होंने कहा, ‘‘सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विवादों को 'कूटनीति और बातचीत' के जरिए हल किया जाना चाहिए, युद्ध के साथ नहीं।’’
‘भारत जो कुछ भी कर सकता है, वह करेगा
उन्होंने कहा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात की है। ‘‘भारत जो कुछ भी कर सकता है, वह करेगा। संघर्ष को समाप्त करने और स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सभी वास्तविक प्रयासों का भारत समर्थन करता है।’’ मोदी ने कहा कि उन्होंने हाल ही में मई में जापान में जी-7 शिखर सम्मेलन के मौके पर जेलेंस्की से बात की थी।