भाजयुमो नेता ने थाने में की आत्महत्या की कोशिश, पुलिस ने बचाया
मामला अपहरण और फिरौती का है। पुलिस ने रिपोर्ट के बाद गैरजमानती धारा के आरोपी को पुलिस द्वारा छोड़ देने से वह नाराज था।
रायपुर, जनजागरुकता डेस्क। भाजयुमो नेता मनीष साहू ने अपहरण के आरोपी को थाने से छोड़ देने से नाराज हो गए। उसके बाद टिकरापारा पुलिस थाने में पहुंचकर खुद पर पेट्रोल डालकर आत्महत्या करने की कोशिश की है। हालांकि पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए उसे रोक लिया।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा युवा मोर्चा सिविल लाइन मंडल अध्यक्ष मनीष साहू की अपहरण की कोशिश की गई थी। इस घटना को अंजाम उनके परिचित दोस्त ने दिया था। इसकी रिपोर्ट मनीष साहू ने टिकरापारा पुलिस थाने में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में हर्षवर्धन शर्मा को आरोपी बनाया गया। पुलिस ने अपहरण के आरोप में हर्षवर्धन को थाने में बैठाया था। पूछताछ और जांच के बाद उसे छोड़ दिया गया।
हालांकि हर्षवर्धन पर गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया था। मामला संदिग्ध होने के कारण हर्षवर्धन शर्मा को छोड़ दिया गया। पुलिस के इस रवैए से नाराज भाजयुमो अध्यक्ष मनीष साहू ने इसका विरोध किया और देर रात थाने पहुंच गया। मनीष ने थाने में खुद पर पेट्रोल छिड़ककर खुदकुशी करने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस किसी तरह रोकने में सफल रही।
कार से कूदकर जान बचाई
पुलिस रिपोर्ट में मनीष ने बताया कि घटना 13 जुलाई की रात की है। उसका अपहरण कर फार्म हाउस ले जाकर मारपीट की गई और पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। मनीष ने पैसे देने के बहाने फार्म हाउस से बाहर ले जाने को कहा और कार से कूदकर अपनी जान बचाई। मनीष साहू ने बताया कि हर्षवर्धन शर्मा उसका पूर्व परिचित है।
चाय पीने के बहाने अपहरण किया
13 जुलाई की रात को लगभग 12.30 बजे हर्षवर्धन ने मनीष को कहा कि चलो चाय पीने के लिए जाएंगे। वह कार से धरम नगर चौक आया। उसे देखकर मनीष उसकी कार के पास गया और उससे बात करने लगा। बात-बात में ही हर्षवर्धन ने मनीष का हाथ खींचकर कार में जबरदस्ती बैठा लिया। अनुपम नगर स्थित अपने फार्म हाउस में ले गया। वहां हर्षवर्धन के अन्य साथी पहले से मौजूद थे। ये लोग उनके साथ मारपीट की। सुबह छह बजे तक फार्म हाउस में बंधक बनाकर रखा।
हर्षवर्धन के दोस्तों ने पांच लाख रुपये डिमांड किए
मनीष ने पुलिस को बताया कि हर्षवर्धन के दोस्तों ने मेरी पिटाई की और पांच लाख रुपये डिमांड की। नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी। मनीष ने अपनी जान बचाने के लिए बोला कि पैसे लेने के लिए पचपेड़ी नाका चलना होगा। हर्षवर्धन उसकी बातों में आ गया। कार में बैठाकर पचपेड़ी नाका से भाठागांव तक घुमाते रहे। इस बीच धमकी देता रहा कि पैसे नहीं देने पर जान से मार दुंगा।
कार का गेट खोलकर भागा
सुबह सात बजे पचपेड़ी नाका ओवरब्रिज के नीचे मनीष कार का गेट खोलकर कूद गया। इसके बाद घटना की जानकारी रिस्तेदारों और पुलिस को दी। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए पुरानी बस्ती सीएसपी सुरेश ध्रुव ने बताया कि मनीष की रिपोर्ट के बाद मामले की जांच शुरू की गई है।