चंद्रयान-3 मिशन में छत्तीसगढ़ का बेटा मिथलेश का अहम योगदान, बधाइयों का तांता

बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक के ग्राम भानपुरी का रहने वाला मिथलेश साहू इसरो में हैं। उनके माता-पिता से मिलकर लोग लगातार खुशी जाहिर कर रहे हैं।

चंद्रयान-3 मिशन में छत्तीसगढ़ का बेटा मिथलेश का अहम योगदान, बधाइयों का तांता

रायपुर/बालोद, जनजागरुकता। चांद फतह करने निकले भारत का चंद्रयान-3 इतिहास रचने जा रहा है। इस अभियान में छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक के ग्राम भानपुरी के बेटे मिथलेश साहू का भी विशेष योगदान है। चंद्रयान-3 और इसरो को लेकर बालोद जिले में खुशी की लहर है। मिथलेश साहू के माता-पिता को बधाई देने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। शुक्रवार को पूरे दिन उनके घर पर बधाइयां देने वालों का तांता लगा रहा। भानपुरी निवासी मिथलेश के योगदान को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी उनकी पीठ थपथपाई है।

बड़े भाई के नक्शेकदम पर चलेंगे 

मिथलेश की इस उपलब्धि को देख उनके छोटे भाई फनीश साहू भी इसी पढ़ाई में लगे हुए है। वह कहता है कि बड़े भाई के साथ कंधे पे कंधा मिलाकर वह भी अंतरिक्ष में पहुंचेंगे।

पिता रहे प्रेरणास्रोत

मिथलेश 2017 से इसरो में काम कर रहे हैं। वह अपने पिता शिक्षक ललित कुमार साहू को प्रेरणास्रोत मानते हैं। जो गांव भानपुरी के ही प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक थे। कंप्यूटर साइंस में इंजीनियर होने के कारण इसरो ने उन्हें आईटी डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी दी है। पिछली बार चंद्रयान-2 मिशन में भी इनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रही। और देश के प्रधानमंत्री ने भी इनसे मिलकर इनका उत्साहवर्धन किया था।   

मिथलेश शुरू से मेधावी रहा

बताते हैं कि मिथलेश साहू शुरू से ही मेधावी छात्र रहा। स्कूल की शिक्षा प्राप्त कर आगे की पढ़ाई भिलाई के शंकराचार्य कालेज में कंप्यूटर साइंस में सीएससी इंजीनियरिंग कंप्लीट किया। उसके बाद एमटेक करने हैदराबाद चला गया। 23 साल की उम्र में पहला जॉब एससीआईएल कंपनी में 6 वर्षों तक किया। यहीं रहते हुए उनका इसरो में सलेक्शन हुआ। इसरो में चंद्रयान-2 में सहायक के रूप कार्यरत थे। इस बार चंद्रयान-3 में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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