रेलवे ने 2 मस्जिदों को दिया हटाने नोटिस, नहीं तो 2 सप्ताह में सीधी कार्रवाई

रेलवे ने बंगाली मार्केट और आईटीओ क्षेत्र के मस्जिदों को हटाने का फरमार जारी किया है। पिछले साल कुछ दीवारों को तोड़ा गया था।

रेलवे ने 2 मस्जिदों को दिया हटाने नोटिस, नहीं तो 2 सप्ताह में सीधी कार्रवाई

नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। रेलवे क्षेत्र में लगातार विस्तार जारी है। देश में लगातार रेल सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। इसलिए पटरियों से लगे इलाके को खाली कराने की योजना पर काम भी जारी है। इसी के तहत रेलवे ने बंगाली मार्केट और आईटीओ क्षेत्र के मस्जिदों को हटाने का फरमार जारी किया है। इसके लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है।

उत्तर रेलवे ने जारी नोटिस में कहा है कि अतिक्रमण नहीं हटाने की स्थिति में अमला खुद ही हटा लेगा। रेलवे के अनुसार दिल्ली में दो बड़ी मस्जिद बंगाली मार्केट और आईटीओ स्थित तकिया बब्बर शाह है। रेलवे मस्जिद की जमीन को अपना बता रहा है। इसी के तहत नोटिस दिया है। जिसमें दोनों मस्जिदों को प्रशासन ने 15 दिनों का समय दिया है। 

रेलवे ने नोटिस में कहा है वरना सीधा एक्शन लिया जाएगा। इधर मस्जिद कमेटी का कहना है कि ये सैकड़ों साल पुरानी है लेकिन, रेलवे कह रहा है ये उनकी जमीन पर बनी है। शनिवार को उत्तर रेलवे प्रशासन ने ये नोटिस दोनों मस्जिदों को जारी किया है। इसमें लिखा है- रेलवे भूमि को अनाधिकृत रूप से अतिक्रमित किया हुआ है। आप लोग अनाधिकृत रूप से रेलवे की जमीन पर बने अनाधिकृत भवन/मंदिर/मस्जिद/मजार को इस सूचना के 15 दिन के अंदर स्वेक्षा से हटा दें, अन्यथा रेलवे प्रशासन एक्शन लेगा।

मस्जिद के साथ मलेरिया दफ्तर को भी नोटिस

नोटिस में बताया गया है कि रेलवे अधिनियम के प्रावधान के तहत अनाधिकृत कब्जे को हटा दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में होने वाले नुकसान के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। रेलवे प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं होगी। मामले पर मस्जिद तकिया बब्बर शाह के सेक्रेटरी अब्दुल गफ्फार के मुताबिक, ये मस्जिद कई सौ साल पुरानी है। इसी मस्जिद के बगल में बने एमसीडी के मलेरिया दफ्तर को भी रेलवे ने खाली करने का नोटिस दिया है।

इससे पहले भी की गई थी कार्रवाई

जानकारी अनुसार इससे पहले इसी साल अप्रैल में बंगाली मार्केट इलाके में अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलाया गया था। इस दौरान यहां मौजूद 250 साल पुरानी मस्जिद के कुछ हिस्सों को भी गिरा दिया गया था। मस्जिद के कमरों और दिवारों में बुलडोजर चलाया गया था। वहीं, मस्जिद के पास बनी चारदिवारी को भी पूरी तरह से ढहा दिया गया था। इस मौके पर मस्जिद मैनेजमेंट ने दावा किया था कि कार्रवाई करने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। वहीं, मदरसे के महासचिव मतलूब करीम हाफिज ने कहा था कि बिना किसी जानकारी और नोटिस बुलडोजर की कार्रवाई की गई।

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