वादा निभाने दिव्यांग महिला के खून से लिखा गया राहुल गांधी को पत्र
भविष्य की चिंता में नियमितिकरण के लिए चल रहा आंदोलन अबऔर भी व्यापक होता जा रहा है। छतीसगढ़िया क्रांति सेना ने संविदाकर्मियों को समर्थन दिया है।
रायपुर, जनजागरुकता। संविदाकर्मियों के नियमितिकरण के लिए चल रहा आंदोलन समय के साथ और भी व्यापक होता जा रहा है। जेल भरो, आमरण अनशन के बाद आम जन मानस की स्मृति में आंदोलन की अलग छबि बनाने के बाद 20वें दिन बालोद से आई एक दिव्यांग महिला संविदा कर्मचारी उमेश्वरी देशमुख के खून से राहुल गांधी को चुनावी घोषणा पत्र के वादे को याद दिलाने के लिए पत्र लिखकर संविदा कर्मचारियों को नियमितिकरण करने की अपील की।
संविदा प्रथा को समाप्त करने खून से पत्र लिखा गया
आमरण अनशन के बाद महिलाओं के द्वारा धरना स्थल पर अपने खून से नियमितिकरण का पत्र लिखकर राहुल गांधी से अपील करते हुए कहा गया है आपने जो बिंदु क्रमांक 11 में नियमितिकरण का वादा किया था, उसे तत्काल पूर्ण करें। जिस प्रकार प्रियंका गांधी जी ने संविदा प्रथा को अभिशाप बताया था, उसी संविदा प्रथा को समाप्त करने के लिए उनके नाम से खून से पत्र लिखा गया है।
पौने पांच साल बाद भी वादा अधूरा
उमेश्वरी देशमुख ने कहा कि मैं प्रतिदिन बालोद से रायपुर तूता मैदान आती हूं। मैं राहुल गांधी जी को याद दिलाना चाहती हूं कि आपने हमसे 2018 चुनाव के पूर्व वादा किया था जिसके कारण हमने कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में बनाई। लेकिन पौने पांच साल बाद भी हमारी नियमितिकरण का वादा अधूरा है।
5 संविदा कर्मचारी बैठे आमरण अनशन पर
वहीं दूसरी ओर 5 संविदा कर्मचारी क्रमश दीपक गुरुवंशी, उत्तम सोनी, प्रेम कुमार यादव, प्रकाश जाधव, करण लावत्रे आमरण अनशन पर आज और बैठ गए हैं। इन संविदा कर्मचारियों के मंच पर आकर छतीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेशाध्यक्ष अमित बघेल ने समर्थन दिया।