इसरो ने किया सर्विस मॉड्यूल की प्रोपल्शन प्रणाली का सफल परीक्षण
बयान के अनुसार, 440 न्यूटन थ्रस्ट वाले एलएएम इंजन यान के कक्षा में जाते हुए मुख्य प्रोपल्शन बल होंगे जबकि आरसीएस थ्रस्टर्स यान में होने वाले किसी भी विस्थापन में सुधार करने में सक्षम हैं।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने महेंद्रगिरि में गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। मिशन को अंतरिक्ष में पहुंचाते समय यही एलएएम इंजन यान की मुख्य प्रोपल्शन शक्ति होंगे तो वहीं, आरसीएस थ्रस्टर यान की सही ऊंचाई बनाए रखेंगे। यह एसएमपी प्रणाली इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर ने डिजाइन, विकसित व साकार किया है। वहीं, सर्विस मॉड्यूल (एसएम) एक बाई-प्रोपेलेंट आधारित प्रोपल्शन प्रणाली है।
ऑर्बिट मॉड्यूल के मानदंडों को पूरा करता है
गगनयान का सर्विस मॉड्यूल दो प्रोपेलेंट पर आधारित प्रोपल्शन प्रणाली है जो ऑर्बिट मॉड्यूल के मानदंडों को पूरा करता है, उसे कक्षा में ले जाने, कक्षा में चक्कर काटने, कक्षा में स्थापित रहने के लिए उसका नियंत्रण करने आदि में सक्षम है। बुधवार को इसरो द्वारा गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन का सफल परीक्षण किया गया है। बयान के अनुसार, 440 न्यूटन थ्रस्ट वाले एलएएम इंजन यान के कक्षा में जाते हुए मुख्य प्रोपल्शन बल होंगे जबकि आरसीएस थ्रस्टर्स यान में होने वाले किसी भी विस्थापन में सुधार करने में सक्षम हैं।