आईएएस रानू साहू को जमानत नहीं मिली, निलंबन की कार्रवाई भी..?
छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर फंसे आईएएस रानू साहू की मुसीबत और बढ़ गई है। उसे निलंबित करने की बात भी सामने आ रही है।
रायपुर, जनजागरुकता। कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग प्रकरण में न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजी गईं आईएएस ऑफिसर रानू साहू को कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को ख़ारिज करते हुए रिमांड को 18 अगस्त तक बढ़ा दिया है। अभिरक्षा के आखिरी दिन कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई हुई हालांकि इस दौरान रानू साहू को जेल से कोर्ट नहीं लाया गया था।
वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने आईएएस रानू साहू को सस्पेंड कर दिया है। इसका आदेश जारी किया गया है। ईडी की जांच एक बड़े घोटाले से संबंधित है जिसमें छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी। कोयला घोटाले में राजनेता, वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी और बिचौलिए शामिल थे। ईडी सूत्रों के अनुसार, उन्होंने 2021 में लगभग 500 करोड़ रुपये एकत्र किए।
छापे में मिले थे 4 करोड़ नगद
बता दें कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग प्रकरण में अक्टूबर 2022 में, ईडी ने छत्तीसगढ़ के शीर्ष नौकरशाहों, राजनेताओं और व्यापारियों से जुड़े 40 स्थानों पर छापे मारे थे। इस दौरान 4 करोड़ रुपये नकद, करोड़ों की कीमती चीजें और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए थे
खबर है साहू सस्पेंड कर दिया गया
सूत्रों की माने तो एक खबर नौकरशाहों के बीच तेजी से दौड़ रही है। जिसके हिसाब सेआईएएस रानू साहू को सस्पेंड कर दिया गया। दरअसल ईडी की जांच में इस बात का पता चला था कि कोल स्कैम केस में सूर्यकांत तिवारी के साथ आईएएस रानू साहू का क्लोज एसोसिएशन है। कोयले से जुड़ी लेवी का सारा कारोबार कोरबा से हो रहा है।
आदेश 22 जुलाई को जारी हुआ
रानू साहू जब कोरबा कलेक्टर थीं इस दौरान सूर्यकांत तिवारी ने कमीशन का पैसा रानू साहू को दिया। उस घूस की राशि से आईएएस साहू ने संपत्तियों को खरीदा, जिसके बाद रानू की 5।52 करोड़ रुपए की सम्पत्ति का अटैचमेंट किया था। कहा जा रहा है कि राज्य सरकार ने 22 जुलाई को निलंबन आदेश जारी किया है। हालांकि अब तक इस मामले में कोई आदेश सामने नहीं आया है।