उज्बेकिस्तान में 65 मौतों का खुलासा, रिश्वत लेकर बेची गई थी कफ सिरप
कफ सिरप के वितरकों ने अनिवार्य परीक्षण से बचने के लिए स्थानीय अधिकारियों को 33 हजार डॉलर (लगभग 28 लाख रुपये) की रिश्वत दी थी।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। मध्य एशियाई देश उज्बेकिस्तान में पिछले हफ्ते जिस भारतीय कफ सिरप की वजह से 65 बच्चों की मौत हुई थी, उसमें बड़ा खुलासा हुआ है। कफ सिरप के वितरकों ने अनिवार्य परीक्षण से बचने के लिए स्थानीय अधिकारियों को 33 हजार डॉलर (लगभग 28 लाख रुपये) की रिश्वत दी थी। इस मामले में 21 लोगों पर मुकदमा चलाया गया है जिनमें से 20 उज्बेक नागरिक और एक भारतीय नागरिक शामिल हैं।
उज्बेकिस्तान के सरकारी अभियोजकों ने अदालती कार्रवाई के दौरान आरोप लगाया कि भारतीय कफ सिरप के वितरकों ने अनिवार्य परीक्षण से बचने के लिए रिश्वत दी थी।प्रतिवादियों में से एक भारतीय और दो उज्बेकिस्तानी नागरिक कुरामैक्स मेडिकल के अधिकारी हैं। यह वह कंपनी है जो उज्बेकिस्तान में भारत के मैरियन बायोटेक की दवाएं बेचती है।
सिरफ का उज्बेकिस्तान में परीक्षण हुआ यह स्पष्ट नहीं
राज्य अभियोजक सैदकरीम अकिलोव के अनुसार, कुरामैक्स के सीईओ सिंह राघवेंद्र प्रतार ने कथित तौर पर सरकार के अधिकारियों को 33,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया ताकि वे इसके उत्पादों के अनिवार्य निरीक्षण ना करे। हालांकि अभियोजक के बयान से यह स्पष्ट नहीं था कि कफ सिरफ का उज्बेकिस्तान में परीक्षण हुआ या नहीं, या फिर निर्माता से भारत में परीक्षण करने का अनुरोध किया गया था। 21 प्रतिवादियों में से 7 किसी ना किसी मामले में दोषी ठहराए जा चुके हैं, जिसमें कर चोरी, घटिया या नकली दवाओं की बिक्री, कार्यालय का दुरुपयोग, लापरवाही, जालसाजी और रिश्वतखोरी शामिल थी।
बढ़ी कीमत पर मैरियन बायोटेक दवाओं का आयात किया
राज्य अभियोजकों ने बुधवार को यह भी कहा कि कुरामैक्स ने सिंगापुर स्थित दो मध्यस्थ कंपनियों के माध्यम से बढ़ी हुई कीमत पर मैरियन बायोटेक दवाओं का आयात किया था, जिससे कर चोरी के आरोप लगे थे।