भारत में है अजीब परंपरा.. इस गांव की महिलाएं नहीं पहनतीं कपड़े
हम आपको ऐसे क्षेत्र की जानकारी दे रहे हैं। जहां के लोगों के लिए कपड़ा कोई मायने नहीं रखता है।
जनजागरुकता, रोचक डेस्क। दुनिया चांद पर कदम रख चुकी है। चांद के बारे में करोड़ों साल की घटनाओं को लेकर शोध चल रहे हैं। विकसित सभ्यता के साथ धरती पर विकास की लय बड़ी तेजी से घुम रहा है। पर धरती पर गाहे-बगाहे कई तरह की बातें सामने आती रहती है। जिसके बारे में जानकर हर कोई आश्चर्य में पड़ जाता है।
खासकर भारत की परंपराएं, सामाजिक गतिविधियां सोचने पर मजबूर कर देती हैं। दुनिया 21वीं सदी में पहुंची चुकी है। खान-पान के साथ पहनने, ओढ़ने के संस्कार विकसित हो चुके हैं। आज के जमाने में लोग अपने शरीर की सुरक्षा के साथ सुंदता का पूरा ध्यान रखने लगे हैं।
पर भी हम आपको ऐसे क्षेत्र की जानकारी दे रहे हैं। जहां के लोगों के लिए कपड़ा कोई मायने नहीं रखता है। हम उस गांव के बारे में बता रहे हैं जहां दशकों से परंपरा है। महिलाएं कपड़े नहीं पहनती हैं। आज के समय में ये बात जानकर हर किसी को आश्चर्य होता है, पर ये बात सौ प्रतिशत सच है।
इन दिनों नहीं लगातीं कपड़े को हाथ
यह परंपरा भारत में ही है जिसे लंबे समय से निभाया जा रहा है। इस दौरान गांव की सभी महिलाएं ऐसा ही करती हैं। यह प्रथा है हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण घाटी की। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो पिणी गांव में हर साल सावन के महीने में यहां की महिलाएं 5 दिनों तक कपड़ों को हाथ नहीं लगाती हैं। अंगों पर कोई भी कपड़ा नहीं पहनती हैं।
पति-पत्नी आपस में बातचीत नहीं करते
मामले पर कहा जाता है कि अगर कोई महिला निर्धारित दिनों तक ऐसा नहीं करती हैं तो उसे कुछ ही दिनों में बुरी खबर सुनने को मिलती हैं। इतना ही नहीं इस समय पूरे गांव में कोई भी पति-पत्नी आपस में बातचीत भी नहीं करते हैं। एक-दूसरे से पूरी तरह से दूरी बनाए रखते हैं।
पुरुषों को लिए भी है नियम
परंपरा के तहत यह भी बताया जाता है कि इस गांव में मर्दों के लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं। यहां मर्द सावन के दौरान शराब और मांस का सेवन नहीं करते हैं। माना जाता है कि इन नियमों को न मानने पर कुल देवता नाराज हो जाते हैं और इन्हें कोई बुरी खबर सुनने को मिलती है।