आदेश की उपेक्षा- हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव परदेशी से अवमानना नोटिस का तत्काल मांगा जवाब
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करने और गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सचिव स्वास्थ्य विभाग परदेशी के खिलाफ जुर्माना ठोंकने की मांग की है।
बिलासपुर, जनजागरुकता। सचिव स्वास्थ्य विभाग सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी को हाईकोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके लिए कोर्ट ने तिथि तय करने की बजाय तत्काल जवाब पेश करने की बात कही है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करने और गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सचिव स्वास्थ्य विभाग परदेशी के खिलाफ जुर्माना ठोंकने की मांग की है। मामले के अनुसार दुर्ग निवासी डॉ वंदना भेले अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय व दुर्गा मेहर के जरिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है।
ये है मामला
याचिका के अनुसार वह जिला बेमेतरा में स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद पर पदस्थ थीं। 30 सितंबर 2022 को सचिव, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनका स्थानांतरण जिला बेमेतरा से जिला दुर्ग कर दिया गया। व्यक्तिगत परेशानियों के कारण डॉ वंदना भेले द्वारा विलंब से ज्वाइनिंग देने पर सचिव, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया गया।
हाईकोर्ट ने 30 दिनों का समय दिया था
मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को विभाग के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने व सचिव स्वास्थ्य विभाग को याचिकाकर्ता के निलंबन से बहाली के लिए पेश किए जाने वाले अभ्यावेदन का निराकरण करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने इसके लिए 30 दिन की अवधि तय की थी। तय समयावधि में अभ्यावेदन का निराकरण ना करने पर डॉ. वंदना भेले ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय व दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट सचिव स्वास्थ्य विभाग द्वारा न्यायालयीन आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका दायर की।
लगातार हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने कोर्ट के समक्ष पैरवी करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अजय कुमार चौधरी विरूद्ध युनियन आफ इंडिया एवं अन्य के वाद में प्रतिपादित न्याय सिद्धांत का उल्लंघन करते हुए याचिकाकर्ता के निलंबन से 90 दिवस के भीतर ठोस कारण बताते हुए निलंबन के विस्तारण का आदेश जारी नहीं किया गया और याचिकाकर्ता को निलंबन से बहाल भी नहीं किया गया। अधिवक्ताओं द्वारा यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि 28 जुलाई 2023 को डॉ अरूण सिंह रात्रे द्वारा प्रस्तुत अवमानना याचिका में स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी के विरूद्ध अवमानना नोटिस जारी की गई है। इसके बाद भी स्वास्थ्य सचिव द्वारा लगातार हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना की जा रही है।
गंभीर जुर्माना अधिरोपित करने की मांग
अधिवक्ता पांडेय ने हाईकोर्ट से मांग की है कि सचिव, स्वास्थ्य विभाग सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी के विरूद्ध गंभीर जुर्माना अधिरोपित किया जाए ताकि वे भविष्य में हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना ना करें। मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के डिवीजन बेंच में हुई। मामले की सुनवाई और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की मांग पर सचिव स्वास्थ्य विभाग सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सचिव को तत्काल जवाब पेश करने की बात कही है।