अपनी भाषा से व्यक्तित्व का विकास किया जा सकता है- डॉ. किरण

दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायपुर के हिंदी विभाग में हिंदी दिवस मनाया गया।

अपनी भाषा से व्यक्तित्व का विकास किया जा सकता है- डॉ. किरण

रायपुर, जनजागरुकता। शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायपुर के हिंदी विभाग में हिंदी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. किरण गजपाल ने कहा मातृभाषा से हम बचपन से जुड़े रहते हैं। मातृभाषा ही हमें अपनी संस्कृति की पहचान करती है। अपनी भाषा से ही व्यक्तित्व का विकास किया जा सकता है। भाषा एवं संस्कृति के उत्थान के लिए अपना योगदान महत्वपूर्ण है। आज हिंदी ने अपना परचम सर्वत्र लहराया है। 

हिंदी की विभागाध्यक्ष डॉ. सविता मिश्रा ने कहा आज हिंदी विश्व पटल पर स्थापित होने की दौड़ में शामिल हो गई है। हिंदी के विकास में हमारे साहित्यकारों का योगदान निरंतर रहा है। प्रसाद, पंत, निराला, महादेवी वर्मा, गुप्त ने अपनी भाषा एवं संस्कृति के उत्थान के लिए निरंतर साहित्य सेवा की है। हिंदी मंदारिन के बाद तृतीय स्थान रखती है। आज ई- गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया आदि में हिंदी भाषा का प्रयोग हो ये संकल्प लें। 

हिंदी ही हमें आत्मविश्वास देती है

चंद्रज्योति श्रीवास्तव ने कहा- हिंदी हमारी भावाभिव्यक्ति का माध्यम है हिंदी ही हमें आत्मविश्वास देती है। डॉ. कल्पना मिश्रा ने कहा- हिंदी में अनेक भाषाओं के शब्दों का सन्निवेश है। उर्दू, अरबी, तुर्की, अंग्रेजी जैसी भाषा की शब्दावली हिंदी द्वारा ग्राह्य है। फिर भी हिंदी की सहजता, सुलभता, लोचकता में कहीं भी कमी नहीं आती है। हिंदी अपनी आन, बान, शान को बरकरार रखती है।

हिंदी जनमत की भाषा

मंजूदेवी कोचे ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा- हिंदी जनमत की भाषा है। इसलिए प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने के लिए विचार किया। 1953 को पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया। डॉ. किरण शर्मा ने कहा- हिंदी से हमारी पहचान है यह हमारी अस्मिता से जुड़ा है। हिंदी है तो हमारी पहचान है। 

हिंदी मीडिया के सम्प्रेषण की भाषा है

डॉ. दुर्पत मिरी ने कहा- हिंदी रोजगारोन्मुखी भाषा है। आज हिंदी मीडिया, कार्यालय, विद्यालय, महाविद्यालय के सम्प्रेषण की भाषा है। इस अवसर पर शोधार्थी लता एवं एमए की छात्रा कविता ने कविता पाठ एवं स्नातक, स्नातकोत्तर की छात्राओं ने विविध प्रकार के कार्यक्रम पेश किए। इस दौरान स्नातकोत्तर परिषद का गठन किया गया। अध्यक्ष धनेश्वरी पटेल, उपाध्यक्ष मंजू पटेल, सचिव आंचल भंवर, सहसचिव वर्तिका मिश्रा बनाई गई। इस दौरान छात्राएं, प्राध्यापक उपस्थित रहे।

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